फूल और अन्य प्राकृतिक चीजों से पलाश समूह बनाती हैं गुलाल
पलाश समुह की महिलाएं होली को रंगीन बनाने के लिए अरारोट, पालक, पलाश का फूल, गेंदा फूल, गुलाब फूल, बीट, जैस्मिन तेल, चंदन और मुल्तानी मिट्टी से हर्बल गुलाल बनाती हैं. इनका दावा है कि इनके द्वारा बनाये गये गुलाल में किसी भी तरह के केमिकल नहीं है. हर्बल से बने होने के कारण यह शरीर के लिए फायदेमंद है. क्योंकि यह उन्हीं चीजों से निर्मित है जिन्हें हम अपने खानपान में इस्तेमाल करते हैं. इसे भी देखें :हजारीबाग डीसी ने भी की सराहना
पलाश समूह द्वारा बनाये गये गुलाल इतने फेमस हो गए हैं कि ये ऑर्डर पूरा नहीं कर पा रही हैं. समूह की महिलाओं को इससे अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है. इनके इस काम को जिला प्रशासन के लोगों ने भी सराहा है. हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय ने कहा इनके लिए बीच शहर में इनके लिए एक स्टॉल लगाया जायेगा. जहां ये अपने प्रोडक्ट्स को प्रदर्शित और बेच पायेंगी. इसे भी पढ़े : झारखंड">https://lagatar.in/jharkhand-assembly-bjp-mla-amar-bauri-sitting-on-dharna-demanding-hanging-of-petrwar-rape-accused/">झारखंडविधानसभा : पेटरवार दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर धरने पर बैठे भाजपा विधायक अमर बाउरी
कैमिकल रंगों के कारण एक महिला को अस्पताल में हो गयी थीं भर्ती
मार्केट में मिलने वाले रंगों में घातक केमिकल मिले होते हैं. जो हमारी त्वचा, आंख और बालों के लिए नुकसानदेह होते हैं. ऐसे ही रंगों के दुष्प्रभाव से 2 साल पहले पलाश समुह की एक महिला इतनी बीमार हो गयी थी कि वो 2 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थी. जिसके बाद संस्था की महिलाओं ने संकल्प लिया कि अब उनका समूह बिना केमिकल वाला गुलाल बनायेगा. साथ ही इसके एसेंस और बाकी अवयव भी शुद्ध रूप से प्राकृतिक चीजों से निर्मित होंगे. इसे भी पढ़े : चतरा">https://lagatar.in/chatra-girl-student-dies-under-suspicious-circumstances-in-kasturba-gandhi-residential-school/">चतरा: कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्रा की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

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