दिनेश का दावा- वेतन भुगतान के लिए राशि भेजी गई, लेकिन मिली नहीं
दिनेश कुमार मंडल का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट और पटना हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षक संघ बनाम अदर्स केस में 2006 और 1999 में 119 स्कूलों के शिक्षकों के वेतन भुगतान का आदेश दिया था. इस सूची में उनका स्कूल भी 13वें स्थान पर था. इस फैसले के बाद उन्होंने अपने लंबित वेतन भुगतान के लिए तात्कालीन शिक्षा सचिव को पत्र लिखकर वेतन भुगतान करने का आग्रह किया. जिसके बाद शिक्षा सचिव ने लंबित वेतन भुगतान के लिए 15 लाख रुपये गिरिडीह जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय को भेजा. वहां से इस राशि को डीएसई को ट्रांसफर किया गया, लेकिन यह राशि अबतक नहीं बांटी गई. इसे भी पढ़ें-JPSC">https://lagatar.in/jpsc-exam-disturbances-bjps-delegate-met-the-governor-demanding-cbi-inquiry/">JPSCपरीक्षा गड़बड़ी मामला, CBI जांच की मांग को लेकर राज्यपाल से मिला बीजेपी का डेलिगेट
राष्ट्रपति सचिवालय, सीएमओ, सीएस, विभाग को भेजा जा चुका है पत्र
दिनेश कुमार मंडल अपनी मांग को लेकर मुख्य सचिव से भी मिल चुके हैं. मुख्य सचिव कार्यालय की से उनके पत्र को शिक्षा विभाग भी भेजा गया, लेकिन कुछ नहीं हुआ. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से 4 अगस्त 2021 को एक पत्र शिक्षा सचिव को भेजा गया, जिसमें पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पारित न्यायादेश के आलोक में वेतन भुगतान मामले में नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. वहीं 13 नवंबर 2019 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी झारखंड के शिक्षा सचिव को मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इससे पहले 09 अक्टूबर 2009 को राष्ट्रीय सचिवालय से भी झारखंड के मुख्य सचिव को दोनों शिक्षकों के वेतन संबंधी मामले में आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन अबतक कुछ भी नहीं हुआ.दिन में सचिवालय, रात में मंदिर में लेते हैं शरण
दिनेश ने अपनी जिंदगी का 25 साल स्कूल को दे दिया. इतने सालों से वेतन नहीं मिलने के कारण उनके घर की आर्थिक खराब हो चुकी है. पहले हर महीने सचिवालय का चक्कर लगाते थे. फिर हर हफ्ते दौड़ने लगे. बार-बार गिरिडीह से रांची आने में काफी पैसे खर्च होते थे. तब उन्होंने सोचा कि अब रांची में ही रहकर अपना हक लेंगे. इसलिए अब रांची में अपना ठिकाना बना लिया है. रात में रांची के मेन रोड स्थित हनुमान मंदिर में शरण लेते हैं और सुबह ऑफिस के टाइम में सचिवालय पहुंच जाते हैं. इस मामले में शिक्षा विभाग का पक्ष जानने के लिए शिक्षा सचिव से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई. इसे भी पढ़ें-केंद्रीय">https://lagatar.in/jamshedpur-mp-met-union-energy-minister-sought-dvc-power-in-adityapur-industrial-area/">केंद्रीयऊर्जा मंत्री से मिले जमशेदपुर के सांसद, आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में डीवीसी की बिजली मांगी [wpse_comments_template]
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