Ranchi: झारखंड हाईकोर्ट ने हजारीबाग के 26 स्कूली छात्रों को स्कूल से निकाले जाने पर सेंट जेवियर्स स्कूल हजारीबाग से जवाब मांगा है, अदालत ने पूछा है की जब छात्रों को परीक्षा में पास होने के बाद अगले वर्ग में प्रोनत्ति दी गयी थी उसके बाद किस कारण से कई छात्रों को स्कूल से निकालने का आदेश देते हुए उन्हें अगले क्लास में एडमिशन नहीं दिया गया. अदालत ने करीब 2 दर्जन से ज्यादा स्कूली छात्रों के भविष्य से जुड़े इस मामले में महत्वपूर्ण सुनवाई के लिए 11 जनवरी की तिथि मुकर्रर करते हुए एक सप्ताह में सेंट जेवियर्स स्कूल हजारीबाग से जवाब-तलब किया है. इस संबंध में छात्रों के माता पिता द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.
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स्कूल ने 26 स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को टीसी लेने को कहा
हजारीबाग सेंट जेवियर्स स्कूल हजारीबाग प्रबंधन ने वार्षिक परीक्षा में सफल होने के बावजूद करीब 26 विद्यार्थियों के अभिभावकों को टीसी लेने के लिए कहा है जिसके खिलाफ सभी अभिभावकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.अभिभावकों का कहना है की आरटीई एक्ट के मुताबिक शिक्षा पाना सभी बच्चों का संवैधानिक अधिकार है लेकिन सीबीएसई की गाइडलाइंस को दरकिनार करते हुए स्कूल प्रबंधन ने उनके बच्चों को टीसी लेने का आदेश दे दिया है. इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जरिये हुई. छात्रों की तरफ से राज्य के पूर्व महाधिवक्ता और झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजित कुमार ने अदालत में पक्ष रखा.
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