Ranchi: झारखंड हाइकोर्ट के नए भवन का इनवायरमेंट इंपैक्ट एसेसमेंट और इनवायरमेंट मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जा रहा है. इस प्लान को बनाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की गयी है. तीन सप्ताह में कंसलेंटट पूरी रिपोर्ट दे देगा. प्लान मिलने के बाद इसे सिया (स्टेट इन्वायरमेंटल इंपेक्ट ऐसेसमेंट अथॉरिटी) को भेज दिया जायेगा.
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15 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
शुक्रवार को झारखंड सरकार ने हाइकोर्ट को यह जानकारी दी है. हाइकोर्ट के नए भवन को लेकर चल रही याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से यह जानकारी अदालत को दी गयी है. कोर्ट ने सिया के सदस्य सचिव और कंसलटेंट को प्रतिवादी बनाते हुए अगली सुनवाई के लिये 15 जनवरी की तिथि निर्धारित की है.
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कोर्ट ने सिया के सदस्य को सहयोग करने को कहा
कोर्ट ने सिया के सदस्य सचिव को हाइकोर्ट को सहयोग करने के लिए 15 जनवरी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिर होने का निर्देश भी दिया है. अदालत ने सरकार से कहा कि वह इनवायरमेंट प्लान बनाने वाली कंपनी को जल्द प्लान तैयार कर पेश करने को कहा जाये.
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नगर निगम दस्तावेज की कर रहा जांच
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि भवन का नक्शा पास करने के लिए नगर निगम के पास सभी दस्तावेज भेज दिए गए हैं. जिसके बाद नगर निगम की ओर से बताया गया कि दस्तावेज मिल गए हैं. और दस्तावेजों की जांच की जा रही है. जांच के दौरान जो भी त्रुटि पायी जाएगी. उसकी जानकारी सक्षम पदाधिकारी को दी जाएगी. त्रुटि दूर करने के बाद नक्शा पास कर दिया जाएगा.
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हाइकोर्ट के भवन निर्माण में अनियमितता को लेकर जनहित याचिका दायर की गयी है
बता दें कि झारखंड हाइकोर्ट के भवन निर्माण में अनियमितता को लेकर जनहित याचिका दायर की गयी है.याचिका के कहा गया है कि अधिकारियों और निर्माण करने वाले संवेदक की मिलीभगत से करोडों रुपये की वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं. शुरूआत में हाइ कोर्ट भवन के निर्माण के लिए 365 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई थी. लेकिन बाद में 100 करोड़ घटा कर संवेदक को 265 करोड़ में टेंडर दे दिया गया. वहीं वर्तमान इसकी लागत बढ़कर लगभग 697 करोड़ रुपये हो गयी है.बढ़ी राशि के लिए सरकार से अनुमति भी नहीं ली गई और न ही नया टेंडर किया गया. प्रार्थी ने इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है.
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