Hazaribagh: आईसेक्ट विश्वविद्यालय के मुख्य कैंपस सभागार में शनिवार को हिंदी दिवस समारोह के आयोजन के साथ ही राजभाषा पखवाड़ा की शुरुआत हो गई. राजभाषा पखवाड़ा 14 सितंबर से 30 सितंबर तक मनाया जाएगा. इस क्रम में 18 सितंबर को हिंदी की वैश्विक फलक और विद्यार्थियों की भूमिका पर ऑनलाइन संवाद किए जाएंगे. 20 को हिंदी कार्यशाला, 21 को हिंदी योग्यता प्रमाणन प्रतियोगिता, 24 को हिंदी कविता पाठ, 26 को वाद-विवाद प्रतियोगिता, 28 को हिंदी कहानी पाठ प्रतियोगिता और 30 सितंबर को पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा.
विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस समारोह की शुरुआत कुलपति डॉ पीके नायक, कुलसचिव डॉ मुनीष गोविंद, डीन एडमिन डॉ एसआर रथ, वोकेशनल निदेशक डॉ बिनोद कुमार, डॉ अरविंद कुमार, डॉ जयदीप सन्याल समेत अन्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर की. इस अवसर पर डॉ पीके नायक ने कहा कि भारत की आजादी में हिंदी भाषा का योगदान अहम रहा है. उन्होंने राजभाषा के रूप में हिंदी की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला और कहा कि हम सभी को अपने-अपने जीवन में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाना चाहिए.
हिंदी भाषा ने हमें संस्कृति से जोड़ा : डॉ मुनीष
डॉ मुनीष गोविंद ने कहा कि हिंदी जीवंत भाषा है, जिसने सबको समेटा है. हिंदी भाषा ने राजनीतिक सीमाओं को तोड़ कर हमें संस्कृति से जोड़ा है. उन्होंने कहा कि आगामी 30 सितंबर तक विभिन्न प्रतियोगिताओं और गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा और समापन समारोह में प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार के साथ साथ प्रमाण पत्र भी वितरित किए जाएंगे. कार्यक्रम के दौरान हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए शपथ भी लिया गया. मंच संचालन डॉ रोजीकांत और धन्यवाद ज्ञापन पल्लवी कुमारी ने किया.
नम आंखों से दी गई गणपति बप्पा को विदाई
गणेश चतुर्थी के दिन आईसेक्ट विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई थी. शनिवार की शाम आरती के बाद नम आंखों से गएापति बप्पा को विदाई दी गई. इस दौरान एक-दो-तीन-चार गणपति बप्पा की जय-जयकार, गणपति बप्पा मोरया जैसे नारों से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गूंज उठा. मूर्ति विसर्जन के दौरान विश्वविद्यालय के कई प्राध्यापक, प्रध्यापिका एवं कर्मियों के साथ साथ बड़ी संख्या विद्यार्थी मौजूद थे.
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