Garhwa: हिंदी दिवस पर समाहरणालय के सभाकक्ष में शनिवार को डीसी शेखर जमुआर की अध्यक्षता में संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरूआत डीसी सहित मंचासीन पदाधिकारियों ने द्वीप प्रज्ज्वलित कर किया. इस दौरान डीसी श्री जमुआर व एसपी दीपक पांडेय को बुके देकर स्वागत किया गया. मौके पर डीसी जमुआर ने कहा कि जिस प्रकार हम सब अपने-अपने विरासतों एवं संस्कृति को बचाकर रखना चाहते हैं, ठीक उसी प्रकार हमें अपने मातृभाषा हिंदी को भी संयोजित करने की आवश्यकता है. उन्होंने उपस्थित लोगों से हिंदी भाषा का व्यापक प्रचार प्रचार करने एवं अधिक से अधिक इसे बोलचाल के समय प्रयोग में लाने की बात कही.
उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा प्राचीन काल से बोले जाने वाली भाषा है, जो पूर्व से लेकर आज तक समय अनुसार अपना अन्य भाषाओं के शब्दों को भी अपने में मिलाकर कुछ स्वरूप परिवर्तन करती है परंतु इसका मूल रूप बना रहता है. संविधान सभा द्वारा 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया. उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा के रूप में हमारे दिलों में बसी हुई है और यह एकता और एकत्रितता की भावना को प्रकट करती है. मौके पर उपस्थित विभिन्न शिक्षकों एवं विद्यार्थियों द्वारा भी हिंदी दिवस के मौके पर अपने अपने वक्तव्य रखे गयें. इस दौरान समारोह में उपस्थित लोगों द्वारा एक से बढ़कर एक शेरों शायरी व स्वयं रचित कविताएं भी सुनाई गईं. हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी भाषा की महत्ता व विशेषता के बारे में बताने को कस्तूरबा गांधी विद्यालय गढ़वा की छात्राओं ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया. मौके पर डीईओ सह अपर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, बीईईओ रंभा चौबे, समेत अन्य पदाधिकारी, कर्मचारी एवं शिक्षकगण तथा विद्यार्थीगण उपस्थित थे.
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