Saruav singh
Ranchi : बोकारो जोनल आईजी ने सांप्रदायिक तनाव रोकने में विफल रहे थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया था. उनकी जगह पर आये नये प्रभारी भी उपद्रव की घटना को रोक पाने में विफल रहे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या आईजी इन पर भी कार्रवाई करेंगे. यह मामला हजारीबाग जिले के बड़कागांव का है, जहां बीते तीन जुलाई यानी मोहर्रम से दो सप्ताह पहले आईजी ने वहां के थाना प्रभारी मुकेश कुमार को सस्पेंड कर दिया था. खबर यह भी है कि बड़कागांव थाना का नया प्रभारी जिस सब इंस्पेक्टर को बनाया गया है, उसे पदस्थापित न करने के बजाय प्रतिनियुक्त किया गया है.
पुलिस विभाग में प्रतिनियुक्ति का अलग खेल
झारखंड में पुलिस विभाग में प्रतिनियुक्ति का अलग ही खेल चलता है. थाना में प्रतिनियुक्ति का मतलब अस्थायी थाना प्रभारी. यानी प्रभारी का पद खाली भी है और भरा हुआ भी. यानी जब तक जब तक साहेब खुश, तब तक अफसर की थानेदारी. बता दें कि थाना प्रभारी के पद पर पदस्थापन और हटाने के लिए नियमावली होती है. हटाने के लिए डीआईजी की अनुमति लेनी होती है. इसलिए पदस्थापन के बदले प्रतिनियुक्ति करके काम चलाया जाता है. बहुत पहले मुख्यालय स्तर पर इसको लेकर गंभीर चर्चा भी हुई थी. तब जिलों में प्रतिनियुक्ति का यह खेल बंद हो गया था. अभी फिर से यह खेल शुरू हो गया है.
आईजी ने अपने आदेश में समुदाय के बीच हिंसक झड़प समेत अन्य घटना का किया था जिक्र
आईजी ने अपने आदेश में कहा था कि लोकसभा चुनाव से दो दिन पहले 18 मई को बड़कागांव थाना क्षेत्र में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प में विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हुई थी. इसके अलावा मई महीने में हुए कई अपराधिक घटनाओं का भी जिक्र करते हुए कहा था कि सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार बड़कागांव थाना क्षेत्र में घटित घटनाओं को रोक पाने और थाना प्रभारी बने रहने में सक्षम नहीं है. इसकी वजह से उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. हजारीबाग जिले के एसपी हजारीबाग में भविष्य में उन्हें किसी थाना में पदस्थापित करना चाहेंगे तो अगले दो वर्ष तक किसी इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के अधीन पदस्थापित करायेंगे, ताकि वह अपने कार्यों को भली भांति सीख पायेंगे.
बड़कागांव में धार्मिक जुलूस के दौरान पथराव, पुलिसकर्मी समेत कई हुए थे घायल
बता दें कि बड़कागांव महुदी रामनवमी रूट विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस मुद्दे को लेकर बुधवार 17 जुलाई को एक बार फिर दो पक्ष आमने-सामने आ गये थे. दोपहर करीब एक बजे नयाटांड़ में धार्मिक जुलूस के दौरान दोनों पक्षों में कहासुनी हो गयी थी. इसके बाद बात बढ़ी और पत्थरबाजी शुरू हो गयी. दोनों ओर से चलाये गये पत्थरों से दर्जन भर ग्रामीण समेत तीन पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. घटना के संबंध में बताया गया कि रामनवमी जुलूस को पुराने मार्ग से ही निकालने की अनुमति देने की मांग को लेकर 15 जुलाई की रात सोनपुरा गांव में कुछ लोग धरने पर बैठे थे. पुलिस ने धरने में शामिल अमन कुमार और अजय कुमार सिंह को हिरासत में लेकर मंगलवार को जेल भेज दिया. इस घटना के बाद महुदी, सोनपुरा, विश्रामपुर सहित कई गांव में विरोध शुरू हो गया. 16 जुलाई को यह विरोध दो पक्षों के बीच पथराव में तब्दील हो गया. 17 जुलाई को फिर इस घटना को लेकर नयाटांड़ में पत्थरबाजी हो गयी.
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