NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा(NEET) के आयोजन में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुना दिया. याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि प्रवेश परीक्षा रद्द नहीं होगी और दोबारा नहीं होगी. दोबारा परीक्षा का असर छात्रों पर होगा. कहा कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली होने के साक्ष्य नहीं है.
SC says ordering cancellation of entire NEET-UG exam is not justified on application of settled principles propounded by it.#NEET
— Press Trust of India (@PTI_News) July 23, 2024
पर्याप्त सबूत नहीं कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया था. इससे पूर्व CJI की बेंच ने फैसला सुरक्षित करते हुए कहा था कि इन मामलों में इस न्यायालय के समक्ष उठाया जा रहा मुख्य मुद्दा यह है कि इस आधार पर पुनः परीक्षण (Re-Test) आयोजित करने का निर्देश जारी किया जाये कि प्रश्नपत्र लीक हुआ था और परीक्षा के संचालन में प्रणालीगत खामियां थी. नीट यूजी परीक्षापांच मई को 571 शहरों के 4750 केंद्रों के अलावा 14 विदेशी शहरों में आयोजित की गयी थी.
सीजेआई ने मामले के तथ्यों को लेकर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी
सीजेआई ने आदेश की शुरुआत में मामले के तथ्यों को लेकर दोनों पक्षों की दलीलें सुनी, कहा कि 1,08,000 सीटों के लिए 24 लाख छात्र शामिल हुए. SC को अवगत कराया गया है कि 50 प्रतिशत कट ऑफ का प्रतिशत दर्शाता है. परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं. गलत उत्तर के लिए एक नकारात्मक अंक होता है.
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 4 दिनों तक दलीलें सुनीं
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि प्रश्नपत्र के व्यवस्थित रूप से लीक होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है. CJI डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुमपरा सहित विभिन्न वकीलों की दलीलें करीब चार दिनों तक सुनीं. पीठ ने 20 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फैसले के प्रभावी हिस्से को लिखा और कहा कि विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जायेगा.
पीठ ने कहा, प्रश्नपत्र लीक की घटना हजारीबाग और पटना में हुई थी
प्रधान न्यायाधीश ने कहा,यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी हुई है या इसमें प्रणालीगत उल्लंघन है. हालांकि, पीठ ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक की घटना हजारीबाग और पटना में हुई थी, यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है. एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पांच मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर निशाने पर है.
एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल संबंधी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) आयोजित करती है. SC के फैसले के बीच खबर आयी है कि NEET UG की काउंसलिंग 24 जुलाई से होगी.