Ranchi : एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की शुरुआत 1 जुलाई 2022 से हुई है. अभियान के तहत एनीमिया ग्रसित बच्चे, किशोर और किशोरियों को आयरन फोलिक एसिड(आईएफए) की संपूर्ण खुराक दी जानी है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे(एनएफएचएस)- 5 के आंकड़ों के अनुसार, झारखंड में 6 से 59 माह के 67.5% बच्चे एनीमिया ग्रसित हैं. जबकि 15 से 19 साल की 65.8% किशोरियां और 15 से 19 साल के 39.7% किशोर भी एनीमिया से ग्रसित हैं.
इसे भी पढ़ें – BREAKING : हाईकोर्ट से बसंत सोरेन और रवि केजरीवाल को नोटिस, ED से मांगी गई पूजा सिंघल केस में दायर PC
केंद्र सरकार ने एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम की शुरुआत की
एनीमिया से मुक्ति के लिए केंद्र सरकार ने एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम का क्रियान्वयन देश के सभी राज्यों में किया है. कार्यक्रम के अंतर्गत एनीमिया से बचाव के लिए आईएफए का संपूर्ण खुराक, एनीमिया की निशुल्क जांच और उपचार की व्यवस्था की गई है.
स्वास्थ्य विभाग ने मांगा सहयोग
एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग,महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग से सहयोग और भागीदारी मांगी है. ताकि एनीमिया ग्रसित लोगों तक आईएफए के संपूर्ण को पहुंचाया जा सके.
जानें एनीमिया के क्या हैं लक्षण
– रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी
-त्वचा का सफेद दिखना
-जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी
-कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट
– चक्कर आना-विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में
-बेहोश होना
-सांस फूलना
-हृदयगति का तेज होना
-चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई देना
इसे भी पढ़ें –31 जुलाई से पहले इनकम टैक्स रिटर्न कर लें फाइल, वरना बढ़ सकती है परेशानी
Leave a Reply