NewDelhi : दिल्ली में गुरुवार को इंडिया गठबंधन दलों की एक प्रेस कांफ्रेंस हुई. बता दें कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कल बुधवार को कहा था कि कल इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियां डेटा प्रोटेक्शन एक्ट के मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस करेगी.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आज इस प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि संसद में जो डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट पास हुआ है, उसमें एक बहुत ही खतरनाक सेक्शन है- Section 44(3), जो RTI एक्ट के Section 8(1)(j) को ही संशोधित कर रहा है. आरोप लगाया कि डेटा प्रोटेक्शन बिल ने RTI Act की धज्जियां उड़ा दी हैं,
जो डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट पास हुआ, उसमें एक बहुत ही खतरनाक सेक्शन है- Section 44(3), जो RTI एक्ट के Section 8(1)(j) को ही संशोधित कर रहा है।
सबसे बड़ी बात ये है कि डेटा प्रोटेक्शन बिल ने RTI Act की धज्जियां उड़ा दी हैं। इसमें कहा गया है कि अगर RTI में ऐसी कोई जानकारी मांगी… pic.twitter.com/iB5azPPeur
— Congress (@INCIndia) April 10, 2025
आज डिजिटल प्लेटफॉर्म बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जिस तरह से सरकार घेराव की तैयारी कर रही, उससे खोजी पत्रकारिता को बहुत नुकसान होगा।
ये बात मुझे कहने में कोई हिचक नहीं है कि देश का ब्रॉडकास्ट मीडिया कोलैप्स कर गया है। वो अब Spineless हो गया है।
सरकार अब RTI Act को पूरी तरह से… pic.twitter.com/nINQWXWS1G
— Congress (@INCIndia) April 10, 2025
Act में कहा गया है कि अगर RTI में ऐसी कोई जानकारी मांगी गयी है, जिसका जनहित से कोई सरोकार नहीं है, तो उसका जवाब देना अनिवार्य नहीं है. उदाहरण दिया कि अगर आप जानना चाहते हैं कि बिहार में जो पुल टूट गये थे,
उनके टेंडर अधिकारियों ने किस कॉन्ट्रैक्टर को दिये थे? तो इस एक्ट के जरिए सूचना और जानकारी का अधिकार साजिश के तहत आपसे छीन लिया गया है.
कांग्रेस सांसद ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री को सुझाव दिया कि Section 44(3) को डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट से हटा दिया जाये. बताया कि हमने एक पिटीशन तैयार किया है. उसमें विपक्षी दलों के लगभग 120 नेताओं के हस्ताक्षर हैं. कहा कि हम जल्द ही इसे मंत्रालय में भेजेंगे.
आशा व्यक्त की कि सरकार इस बिल पर गंभीरता से विचार करेगी. हमारे सुझावों पर ध्यान देगी. हमारे इन सुझावों से मूल डेटा प्रोटेक्शन बिल पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा. हम डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट से Section 44(3) हटाकर, हम RTI एक्ट की आत्मा को बचा पायेंगे.
शिवसेना सासंद(UBT) प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आज डिजिटल प्लेटफॉर्म बहुत महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जिस तरह से सरकार घेराव की तैयारी कर रही, उससे खोजी पत्रकारिता को बहुत नुकसान होगा. यह बात मुझे कहने में कोई हिचक नहीं है कि देश का ब्रॉडकास्ट मीडिया कोलैप्स कर गया है.
मीडिया अब Spineless हो गया है. प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि सरकार(मोदी) अब RTI Act को पूरी तरह से तबाह करने में जुटी हुई है. सरकार कई ऐसे प्रावधान लायी है, जिसके तहत अब जनता को जानकारी मिल ही नहीं पायेगी. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार इस बिल के जरिए प्रेस फ्रीडम और खोजी पत्रकारिता पर नकेल कसेगी
सांसद जॉन ब्रिटास (सीपीआई-एम) ने कहा कि आरटीआई अधिनियम भारत के आधुनिक लोकतंत्र बनने की दिशा में मील का पत्थर था. मोदी सरकार ने एक ही झटके में आरटीआई को खत्म कर दिया है. इससे प्रेस की स्वतंत्रता पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा. जॉन ब्रिटास ने पत्रकारों से 2019 की जेपीसी रिपोर्ट देखने का आग्रह किया.
कहा कि जो प्रावधान लाये गये हैं, उनमें से कई जेपीसी की सिफारिशों के विपरीत हैं.डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड ने इस बारे में सिफारिशें दी हैं कि सदस्यों की नियुक्ति कैसे की जानी चाहिए, जैसे कि अटॉर्नी जनरल को शामिल करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उचित प्रावधान का पालन किया जाये लेकिन इनमें से कुछ भी कानून में शामिल नहीं किया गया है.
आरोप लगाया कि जब विपक्ष मणिपुर संकट का विरोध कर रहा था, तब इस कानून को जल्दबाजी में बनाया गया था. कहा कि सरकार आरटीआई को विदा करने का इरादा रखती है. सिर्फ़ आरटीआई ही नहीं, यूपीए के दौर के कई कानून जिन्होंने शासन को बदल दिया था, आज मोदी सरकार द्वारा उन्हें कमज़ोर किया जा रहा है
प्रेस कांफ्रेंस में राजद, डीएमके , सपा सहित अन्य नेताओं ने भी डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्टअपने विचार रखेें
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