Ranchi : आज पूरा देश जब International Women’s Day का जश्न मना रहा है, हमारे देश में कई ऐसी महिलाएं हैं, जो अकेले अपने दम पर अपना नाम और परिवार के नाम को रोशन कर रही है. ऐसे ही एक महिला जो राजनीति में आयी और अपने क्षेत्र के महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गयी. जिसने काफी विषम परिस्थिति में राजनीतिक के क्षेत्र में अपना एक मुकाम हासिल किया हैं. हम बात कर रहे हैं, सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की जामा विधायक, केंद्रीय महासचिव व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन की.
झारखंड की समस्याओं विशेषकर महिला मुद्दों को जिस तरह सीता सोरेन उठाते रही हैं, उससे आज वह झारखंड की महिलाओं की एक पहचान बन चुकी हैं. International Women’s Day के मौके पर lagatar.in की हमारी सहयोगी Sweta Kumari ने स्वंय जामा विधायक सीता सोरेन से जाना कि तीन बच्चियों की परवरिश के साथ जनसरोकार के मुद्दों को हल करने के लिए वह समय कैसे निकाल पाती है.
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पति के जीवित रहते तक तो राजनीति में आने की बात नहीं सोची थी
राजनीति में कैरियर शुरू करने और इस दौरान आयी समस्याओं का जिक्र करते हुए सीता सोरेन ने lagatar.in को बताया कि पति दुर्गा सोरेन के जीवित रहने तक वो राजनीति में आने की बात कभी नहीं सोची थीं. हां, पति का यह सपना जरूर था कि वह भी राजनीति में आए. लेकिन ऐसा करने से वह सीधे मना कर देती थी. लेकिन जब वे नहीं रहे, तो उनकी इच्छा को पूरा करने के लिए राजनीति में उतरी.
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पति के सपने के पूरा करने के लिए कई दिनों तक घर आना नहीं होता था नसीब
सीता सोरेन ने कहा कि अकेली महिला के लिए एक मां का फर्ज निभाने के साथ राजनीति करना वाकई एक कठिन काम है. जब उनके पति का निधन हुआ, तो उनकी तीनों बच्चियां काफी छोटी थी. अपने पति के सपने को पूरा करने के लिए कई-कई दिनों तक घर तक आना नसीब होता था. इन संघर्ष के बाद ही राजनीति भी की और बच्चियों की परवरिश भी. इसमें पूरे परिवार विशेषकर सास-ससुर का सहयोग काफी मिला.
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शिक्षा से हो सकता हैं महिलाओं का विकास
क्षेत्र भ्रमण के दौरान महिलाओं की समस्या की बात करते हुए सीता सोरेन ने बताया कि शिक्षा से ही महिलाओं का विकास हो सकता है. वह लगातार छोटी बच्चियों को शिक्षा लेने की बात करती है.
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अगर महिला स्वालंबी होती है, तो आप समझ सकते है कि परिवार कितना मजबूत होता हैं
राजनीति में कैरियर बनाने वाली महिलाओं के लिए सीता सोरेन कहती है कि कई ऐसे उदाहरण भरे पड़े है. पंचायत, जिला परिषद से लेकर सदन तक महिलाओं ने अपना परचम लहराया है. सरकार भी ऐसी महिलाओं को आगे बढ़ने में पूरा सहयोग देती है. सीता सोरेन ने कहा कि अगर महिला स्वालंबी होती है, तो आप समझ सकते है कि परिवार कितना मजबूत होता है.
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महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हेमंत सोरेन सरकार उठा रही हरसंभव कदम
झारखंड में डायन प्रथा जैसी कुरीतियों के सवाल पर सीता सोरेन ने कहा कि जागरूकता और शिक्षा ही ऐसे उपाय है,जिससे इससे निपटा जा सकता है. हालांकि ऐसी घटनाएं अब कम देखने को मिलती है. हमारी सरकार सत्ता में है, उन्हें विश्वास है कि इसपर आगे और विशेष काम होगा. सीता सोरेन ने कहा कि महिलाओं को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए हेमंत सोरेन सरकार हर संभव कदम उठा रही है. फूलो झानो आशीर्वाद योजना, आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (आशा) और पलाश के जरिये ग्रामीण महिलाओं के उत्थान का ही हिस्सा है.
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