Gaya: इस बार गया जानेवाले तीर्थयात्रियों के लिए खास होगा. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहल की है. इसके तहत इस साल मेले में पिंडदान करने वाले श्रद्धालुओं को सरकार की ओर से शुद्ध गंगाजल उपहार स्वरूप भेंट किया जाएगा. यह अनोखा उपहार पितृपक्ष मेले को और भी खास बनाने वाला है और श्रद्धालु इसके लिए बेहद उत्साहित हैं. विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू होकर दो अक्टूबर तक चलेगा. इसे लेकर गया जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियां कर ली हैं. जल संसाधन विभाग के सहयोग से प्यूरीफाई किया हुआ गंगाजल सुधा डेयरी को उपलब्ध कराया जाएगा, जहां इसकी पैकेजिंग की जाएगी. इसके बाद, विभिन्न सरकारी स्टालों से तीर्थयात्रियों को यह गंगाजल मुफ्त में वितरित किया जाएगा ताकि वे इसे अपने घर तक ले जा सकें. सुधा डेयरी के प्रबंध निदेशक और जल संसाधन विभाग के समन्वय से गंगाजल की पैकेजिंग की जा रही है. हर पैकेट में 500 मिलीलीटर गंगाजल होगा, जिसे श्रद्धालु पूजा पाठ या पीने के लिए अपने घर ले जा सकेंगे.
10 हजार श्रद्धालुओं को गंगाजल उपहार स्वरूप दिया जाएगा
पैकेजिंग पर सरकार की स्वीकृति के साथ एक विशेष संदेश भी छापा जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री की ओर से इस उपहार योजना का महत्व बताया जाएगा. डीएम ने बताया कि प्रतिदिन कम से कम 10 हजार श्रद्धालुओं को यह गंगाजल उपहार स्वरूप प्रदान किया जाएगा, और यह संख्या जरूरत के अनुसार बढ़ाई भी जा सकती है. गया जी का पितृपक्ष मेला न केवल भारत के विभिन्न हिस्सों से बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है. लाखों की संख्या में लोग यहां अपने पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण करने के लिए आते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गया जी में पिंडदान का विशेष महत्व है और इसे सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. पवित्र फल्गु नदी के देवघाट पर सालों भर पिंडदान के कर्मकांड होते रहते हैं, लेकिन पितृपक्ष के दौरान इस धार्मिक आयोजन का महत्व और भी बढ़ जाता है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं और गंगाजल उपहार योजना इसे और भी खास बनाने वाली है.
नीतीश कुमार ने गंगा उद्भव योजना की शुरुआत की थी
गया की फल्गु नदी यहां के धार्मिक कर्मकांडों का प्रमुख केंद्र है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस नदी में सालों भर पानी बने रहने और श्रद्धालुओं की आस्था को बनाए रखने के लिए गंगा उद्भव योजना की शुरुआत की थी. आज यह योजना गया जी के पिंडदानियों के लिए एक महत्वपूर्ण आकर्षण बन चुकी है. फल्गु नदी पर बने गया जी डैम को भी श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आस्था का केंद्र माना जाता है. इस बार का पितृपक्ष मेला, जहां लाखों श्रद्धालु पिंडदान और श्राद्ध के लिए गया जी आएंगे, वहीं गंगाजल का यह अनोखा उपहार उनकी धार्मिक यात्रा को और भी खास बना देगा. गया जी में इस प्रकार की पहल पहली बार की जा रही है और यह तीर्थयात्रियों को एक सुखद अनुभव प्रदान करेगी.
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