- घरों की हालात जर्जर, बस्ती तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं
Jadugoda : जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) जमशेदपुर के सचिव राजेंद्र प्रसाद के निर्देश पर कानूनी जागरुकता मोबाइल वैन आज जादूगोड़ा के खड़ियाकोचा सबर बस्ती पहुंची. टीम ने पोटका प्रखंड अंतर्गत भाटीन पंचायत के झरिया गांव की इस बस्ती में रह रहे 26 सबर परिवार की बदहाली पर चिंता जताई. सदस्यों ने उनके बीच कानूनी जागरुकता अभियान चलाया और उन्हें उनके अधिकार से इस मौके पर डालसा टीम में जमशेदपुर के पीएलवी जोबा रानी बास्के, आशीष प्रजापति, सुनीता कुमारी, सीमा देवी व पोटका लीगल एड क्लिनिक के पीएलवी चयन कुमार मंडल, छाकु माझी, नए पीएलवी ज्योत्सना गोप ने हिस्सा लिया.
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चयन कुमार मंडल ने बस्ती का जायजा लेने के बाद कहा कि आदिवासियों की विलुप्त होती सबर जनजाति आज भी आदिम युग में जीने को विवश है. इनके घरों की हालात काफी जर्जर है. 64 साल होने के बावजूद अब तक कई सबर परिवार पेंशन से वंचित हैं. बस्ती तक पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है. खेत की पगडंडी के सहारे सबर परिवार आना-जाना करते हैं. बीमार होने पर खटिया पर लाद कर मुख्य सड़क लाया जाता है. इस दौरान कइयों की मौत हो जाती है. सुविधा के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी की गई है; पेयजल को लेकर सोलर पंप तो हैं मगर यह पूरे साल पानी उपलब्ध नहीं करा पता, जिसकी वजह से अभी भी 26 सबर परिवार झरना के पानी पर आश्रित हैं. यहां कुल 26 परिवार हैं जिसमें 120 से अधिक सदस्य हैं. स्कूल तो है लेकिन जागरुकता के अभाव में सबर बच्चे स्कूल नहीं जाते. जिसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है.
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कानूनी जागरुकता अभियान चलाया
इसके पूर्व इस टीम ने पोटका विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत हेंसलबिल, पोटका, मानपुर, कालिकापुर आदि जगहों में जरूरतमंद लोगों के बीच कानूनी जागरुकता अभियान चलाया. लोगों को डालसा के कार्य व उद्देश्य के बारे में जानकारी दी गई. उन्हें डायन प्रथा, बाल विवाह, बाल श्रम, चाइल्ड प्रोटेक्शन, शिशु प्रोजेक्ट, मानव तस्करी, घरेलू हिंसा, डायन प्रथा, नशा उन्मूलन, बाल विवाह, बाल मजदूरी आदि के बारे में भी विस्तार से अवगत कराया. इस दौरान राज्य सरकार व केंद्र सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से भी ग्रामीणों को बताया गया.
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