- 2008 से अब तक 4,000 से अधिक सफल कार्डियक सर्जरी
- पेशेंट कनेक्ट मीट कार्यक्रम में कई पुराने रोगी हुए सम्मानित
Jamshedpur (Sunil Pandey) : जमशेदपुर स्थित ब्रह्मानंद नारायणा हॉस्पिटल, तामोलिया (नारायण हेल्थ, बंगलुरु की एक इकाई) ने कार्डियक सर्जरी में 15 वर्षों का सफर पूरा कर लिया है. हॉस्पिटल की समर्पित डॉक्टरों की टीम ने अब तक 4,000 से अधिक सफल हृदय सर्जरी की है. जिससे यह क्षेत्र के शीर्ष हृदय केंद्रों में से एक बन गया है. इस उपलब्धि को साझा करने के लिए हॉस्पिटल की ओर से रविवार को पेशेंट कनेक्ट मीट कार्यक्रम का आयोजन गोलमुरी स्थित एक होटल में किया. जिसमें हृदय सर्जरी करवा चुके मरीजों ने भाग लिया. इस दौरान उपस्थित सभी पुराने रोगियों को ब्रह्मानंद नारायणा हॉस्पिटल की तरफ से उपहार देकर सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य मरीजों को निरंतर समर्थन प्रदान करना और उनकी रिकवरी के बाद हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के बारे में जागरुकता फैलाना था.
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फैसिलिटी डायरेक्टर, श्री विनित राज ने कहा कि हम इस क्षेत्र में कार्डियक सर्जरी सेवाओं के अग्रणी केंद्रों में से एक ब्रह्मानन्द नारायणा हॉस्पिटल 4000 से अधिक सफल सर्जरी पूरी करने के बाद जमशेदपुर में पेशेंट कनेक्ट मीट कार्यक्रम के आयोजन पर गर्व महसूस कर रहे हैं. इस दौरान डॉ. परवेज आलम ने कार्डियक सर्जरी में नवीनतम प्रगति और सर्जरी के बाद जीवनशैली में बदलाव के महत्व पर प्रकाश डाला. इसके अलावा, मरीजों को अपने सवाल सीधे चिकित्सा टीम के डॉ. राहुल देवदास और डॉ. रामानुज लाल (कार्डिएक एनेस्थेटिक्स) से पूछने का अवसर मिला. इन दोनों ने भी उपस्थित लोगों के सवालों के जवाब दिया. इस अवसर पर उपस्थित कई पुराने रोगियों ने अपनी रिकवरी के बारे में बताया.
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6 दिन के नवजात से लेकर 90 साल के वृद्ध तक की सफल सर्जरी
इस अवसर पर मुख्य कार्डियक सर्जन डॉ. परवेज आलम ने कहा कि 15 साल तक उत्कृष्ट हृदय सेवा प्रदान करना हमारी टीम के समर्पण, कौशल और करुणा का प्रतीक है. हमारी टीम समय से पहले जन्मे 6 दिन के नवजात शिशु से लेकर 90 साल के वृद्ध तक की सफल हृदय सर्जरी कर चुकी है. उन्होंने कहा कि इतने सारे मरीजों के जीवन में बदलाव लाने के लिए वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने दोहराया कि वे अपने इस अभियान (हृदय शल्य चिकित्सा) को जब तक ईश्वर चाहेगा जारी रखेंगे. उनका मानना है कि जब कोई मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज लेता है तो उसकी रिकवरी खत्म नहीं होती है. पेशेंट कनेक्ट मीट जैसे कार्यक्रम से मरीज एवं चिकित्सकों के बीच एक लगाव पैदा होता है.
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