Jamshedpur: केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल एवं डीजल के उत्पाद शुल्क को कम करने को कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) ने महंगाई कम करने की दिशा में सरकार के द्वारा दी गई बड़ी राहत बताया है. कैट का मानना है कि इस छूट के बाद रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में कम से कम 10% की कमी होनी चाहिए. जबकि आवश्यक रॉ मैटीरीयल की माल ढुलाई की कीमत भी कम होगी जिसके कारण अन्य वस्तुओं के दामों में भी कमी आनी चाहिए. कैट ने यह भी कहा कि झारखंड समेत सभी राज्यों को वैट की दर में भी कमी करनी चाहिए तभी जनता की महंगाई से पूरी राहत मिल सकेगी.
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यह कदम को प्रधानमंत्री मोदी की जनता के प्रति संवेदनशीलता: प्रवीण खंडेलवाल
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोंथालिया ने केंद्र सरकार के इस कदम को प्रधानमंत्री मोदी की जनता के प्रति संवेदनशीलता बताते हुए कहा कि उत्पाद शुल्क में कमी सरकार की जनता को महंगाई से राहत देने की मंशा को स्पष्ट करता है. इस दृष्टि से बड़े निर्माता अपने उत्पादों के दाम कम करें, यह सुनिशचित किया जाना बेहद जरूरी है. उन्होंने चिंता जताई कि अक्सर इस प्रकार की छूट का लाभ देश के लोगों को नहीं मिल पाता है.
सामान की 80% आवाजाही सड़क परिवहन के जरिए: सोंथालिया
सोंथालिया ने कहा कि देश में सभी सामान की 80% आवाजाही सड़क परिवहन के जरिए होती है. इस कड़ी में सबसे पहले किसी भी वस्तु को बनाने के लिये रॉ मैटिरियल की ढुलाई होती है और उसके बाद फैक्टरी से उपभोक्ता तक कम से कम तीन बार सड़क परिवहन का उपयोग होता है और हर चरण में पेट्रोल-डीज़ल की बड़ी खपत होती है. केंद्रसरकार ने लगभग 10% पेट्रोल पर और लगभग 8% डीजल पर उत्पाद शुल्क में कमी की है. इस नाते से एक मोटे अनुमान के अनुसार इस कमी के फलस्वरूप सभी वस्तुओं के दामों में लगभग 10% की कमी होनी चाहिए जिसका लाभ सीधे उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए.
बड़े निर्माता छूट का लाभ अपने पास ही रखते हैं: बृजमोहन अग्रवाल
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल ने कहा की पूर्व में ऐसा देखा गया है कि जब भी कभी सरकार करों में इस प्रकार की छूट देती है तो बड़े निर्माता इस छूट का लाभ अपने पास ही रखते हैं. कभी भी अपने सामान के दामों में कमी नहीं करते. ठीक इसके विपरीत जब भी कभी सरकार किसी वस्तु पर शुल्क में वृद्धि करती है तब बड़े निर्माता दाम बढ़ाने में कोई देरी नहीं करते.
सरकार नजर रखे कि कीमतों में कमी की गई या नहीं
दोनों व्यापारी नेताओं ने सरकार से आग्रह किया है लोगों को लाभ देने की सरकारी मंशा को पूरा करने के लिये बड़े निर्माताओं द्वारा अपनी वस्तुओं की कीमतों में कमी की गई या नहीं इस पर नजर रखना जरूरी है. यदि ऐसा नहीं हुआ तो लोग महंगाई में पिसते ही रहेंगे. उन्होंने कहा की सरकार ख़ासकर रोज़मर्रा के सामान, खाद्य पदार्थ, तेल आदि बनाने वाले निर्माताओं को निर्देश दे कि पेट्रोल डीजल में उत्पाद शुल्क की छूट के पूर्व और बाद की क़ीमतों का तुलनात्मक चार्ट सार्वजनिक करें जिससे यह स्पष्ट पता लगे कि कीमतों में कमी की गई है अथवा नहीं.