Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : शहर में फुटपाथ का अतिक्रमण कोई नई बात नही है. यातायात व्यवस्था के प्रति जिला प्रशासन की असंवेदनशीलता का आलम यह है कि फुटपाथ पर लोगों के चलने का हक मार कर जिला प्रशासन राजस्व वसूली करने में व्यस्त है और जनता यातायात की अव्यवस्था से त्रस्त है. बड़ा सवाल यह है कि जब सरकारी एजेंसियां ही कानून का खुले तौर पर उल्लंघन करे तो जनता किससे गुहार लगाए. हालात यह हैं कि कहीं राजस्व वसूली के लिए फुटपाथ की बंदोबस्ती कर इसे वैधता प्रदान कर दी गई है तो कहीं अवैध उगाही का दैनिक कार्यक्रम जारी है. सिर्फ गलत पार्किंग ही नहीं मुख्य सड़कों और बाजार की सड़कों पर भी लगने वाले ठेलों व दुकानों से भी पैदल चलने वालों के लिये निकलना मुश्किल हो जाता है. अब तो यह जमशेदपुरवासियों की आदत में शुमार हो चुका है.
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नगर निकाय पार्किंग के लिए करती है फुटपाथ की बंदोबस्ती
जमशेदपुर देश का ऐसा इकलौता शहर है जहां सरकारी एजेंसी जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) द्वारा वाहन पार्किंग के लिए फुटपाथ और सड़क की बंदोबस्ती कर राजस्व वसूला जाता है. कहा तो यह जाता है कि सड़क पर पहला हक पैदल चलने वालों का है, लेकिन शहर के कुछ खास-खास इलाकों को छोड़ दें तो लगता है कि अब पैदल चलने वालों का सड़क पर कोई हक ही नहीं रहा. सरकारी एजेंसियों द्वारा फुटपाथ को ही कमाई का जरिया बना लिया गया है. करीब 10 लाख आबादी वाले इस शहर में वित्तीय वर्ष 22-23 में 56 हजार नए वाहनों का निबंधन हुआ, पिछले पांच वर्षों में 2.91 लाख नए वाहनों का निबंधन हुआ है. वहीं पिछले 15 वर्षों में कुल 9.45 लाख वाहनों का निबंधन हुआ है. जो सड़कों पर चल रहे है, जबकि पार्किंग के नाम पर इनके लिए फुटपाथ उपलब्ध है. जिला प्रशासन द्वारा पार्किंग की उचित व्यवस्था अब तक नहीं की गई है. पार्किंग की समुचित व्यवस्था नहीं होने और सड़कों पर गाड़ी पार्क करने की वजह से अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
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नगर निकाय ने 1.5 करोड़ में की पार्किंग के लिए फुटपाथ की बंदोबस्ती
शहर में पार्किंग बहुत बड़ी समस्या है. शहर में बड़े-बड़े बाजार तो हैं लेकिन आम पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है. सड़कों पर गाड़ी पार्क करना आम बात है. शहरवासियों की यह आदत बन चुकी है, लेकिन जेएनएसी द्वारा साकची, बिष्टुपुर और विभिन्न स्थानों पर पार्किंग के वार्षिक टेंडर के माध्यम से करोड़ों रुपये राजस्व की वसूली की जाती है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में जेएनएसी द्वारा साकची में कालीमाटी रोड और साकची में बने नये पार्किंग स्टैंड का वार्षिक टेंडर 33 लाख 70 हजार रुपये का हुआ था, जबकि एसएनपी एरिया में पार्किंग से लगभग 40 लाख रुपये, साकची बाजार में पार्किंग से 12 लाख रुपये, एमजीएम अस्पताल, न्यायालय परिसर के बाहर और आमबागान से कुल 20 लाख रुपये, बिष्टुपुर में एसबीआई बैंक से ट्रैफिक सिग्नल तक 22 लाख 50 हजार और ट्रैफिक सिग्नल से पीएम मॉल तक 28 लाख रुपये में पार्किंग की बंदोबस्ती की गई थी. टेडर अवधि समाप्त होने के बाद भी जेएनएसी द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से पार्किंग से वसूली की जा रही है.
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आईवाश है जिला प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ अभियान
फुटपाथ पर लगने वाली दुकानों से खरीदारी करने के लिये लोग सड़क पर ही गाड़ी खड़ी कर देते हैं, जिससे अमूमन यातायात बाधित हो जाता है. साकची बाजार में तो फुटपाथ पर लगने वाले बाजार से पैदल चलना भी दुश्वार है. फुटपाथ पर लगने वाली इन दुकानों से अवैध वसूली की चर्चा आम है. लोगों का मानना है कि बिना कमाई के कोई कैसे इस अव्यवस्था से आंखें मूंदे रह सकता है. अवैध वसूली का हिस्सा कहां तक पहुंचता है, जानते सब हैं पर कोई मुंह नहीं खोलना चाहता. ट्रैफिक व्यवस्था पर खबरों के प्रकाशन के पश्चात प्रशासन द्वारा दिखावे के लिये कार्रवाई तो की जाती है, पर दो- तीन घंटे बाद ही पुरानी व्यवस्था फिर से बहाल हो जाती है.