- प्रतिदिन शाम ढलते ही ट्रैक्टर से शुरू हो जाता है परिवहन
- खनन विभाग मौन
Jamshedpur (Sunil Pandey) : एनजीटी की रोक के बाद भी सुबर्णरेखा नदी से बालू का अवैध खनन हो रहा है. बिरसानगर के हुरलुंग घाट से शाम ढलते ही बालू माफिया अंधरे का फायदा उठाकर प्रतिदिन 40 से 50 ट्रैक्टर बालू की निकासी कर रहे हैं. विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि बिरसानगर के डांगरकुली गांव होते हुए ट्रैक्टरों का प्रवेश नदी घाट पर होता है. जबकि 15 अक्टूबर तक एनजीटी ने नदियों से बालू खनन पर रोक लगा रखी है. वहीं उपायुक्त ने भी बालू के खनन को लेकर टास्क फोर्स का गठन किया है. साथ ही सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है. फिर भी खनन माफिया बैखौफ होकर अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं. बताया गया है कि जानकारी होने के बाद भी खनन विभाग व स्थानीय पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. ज्ञात हो कि 11 सितंबर को बिरसानगर के हुरलुंग घाट पर तत्कालीन एसडीओ पारूल सिंह के नेतृत्व में छापामारी करके 10 ट्रैक्टर व 407 जब्त किया गया था. जिसके बाद कुछ दिनों तक कार्य बंद था. इसी बीच उनके तबादले की खबर मिलते ही बालू माफिया फिर सक्रिय हो गए हैं.
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खुले में 2800 से 3500 रुपये ट्रैक्टर मिल रहा बालू
नदी से बालू निकासी कर बालू माफिया नदी किनारे हुरलुंग में ही एक बड़े स्टाप पर डंप कर उसकी बिक्री कर रहे हैं. खुले बाजार में प्रति ट्रैक्टर बालू की कीमत 2800 से 3500 रुपये हैं. बड़े-बड़े बिल्डर डम्पर एवं हाइवा से नो-इंट्री खुलने के बाद बालू ले जाते हैं. जबकि घर निर्माण करा रहे लोग ट्रैक्टर से बालू मंगवाते हैं. ट्रैक्टर मेन रोड की बजाय दूसरे रास्तों से आराम से गंतव्य तक चला जाता है. जबकि हाइवा व डम्पर को नो इंट्री खुलने का इंतजार करना पड़ता है.
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पहले रास्ता बनाते हैं बालू चाेर
बालू माफिया नदी में पहले ट्रैक्टर जाने का रास्ता बनाते हैं, इसके बाद जिस घाट पर अधिक बालू है वहां जेसीबी मशीन लगा कर ट्रैक्टर से बालू को नदी से निकाल कर एक किनारे डंप किया जाता है.
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गांव के दबंग को 500 रुपये प्रति ट्रैक्टर मिलता है हिस्सा
नदी से बालू की निकासी करने के बाद जिस गांव से ट्रैक्टर गुजरता है. उस गांव के दबंग को मैनेज करना पड़ता है. मैनेज नहीं होने पर गांव वाले ट्रैक्टर पकड़वा देते हैं. जिससे बालू माफिया को अच्छा-खासा नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए अब गांव के दबंग को कुछ पैसे देकर आराम से परिवहन करते हैं. बताया जाता है कि दबंग व्यक्ति को प्रति ट्रैक्टर 500 रुपया देना पड़ता है. जिसके कारण बालू की आवाजाही बेरोक टोक जारी रहती है.
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बालू के अवैध खनन की सूचना मिलने पर छापेमारी की जाती है. कुछ दिन पहले ही हुरलूंग घाट से अवैध खनन करते वाहनों को पकड़ा गया था. अगर दोबारा खनन हो रहा है तो इसकी जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. (सतीश चंद्र नायक जिला खनन पदाधिकारी)
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