Jamshedpur : जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से रविवार को बाल संप्रेषण गृह घाघीडीह में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में सिविल कोर्ट जमशेदपुर के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रशांत सिंह एवं आदित्या कुमार ने संप्रेषण गृह में रह रहे किशोरों को उनके मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य से अवगत कराया. उन्होंने कहा कि कोई भी इंसान जो 18 वर्ष से कम उम्र का हो वह बच्चा कहलाता है. किशोर न्याय बोर्ड में विधि का उल्लंघन करते पाए जाते हैं तो उन्हें विधि विवादित किशोर कहते हैं. ऐसे बच्चों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है. उन्होंने बच्चों से कहा कि वे प्रतिज्ञा लें कि दोबारा यहां नहीं आएंगे और बाहर जाकर समाज की मुख्य धारा से जुड़कर परिवार के साथ जीवन यापन करेंगे.
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जागरुकता के अभाव में गलत कदम उठाते हैं बच्चे
प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी आदित्या कुमार ने कहा कि जागरुकता के अभाव में बच्चे गलत कदम उठाते हैं. इसके कारण उन्हें संप्रेषण गृह में रखा जाता है. उन्होंने बताया कि सभी बच्चों को जीने का अधिकार, विकास का अधिकार, संरक्षण का अधिकार, भागीदारी का अधिकार है. साथ ही संपेषण गृह में रहने के दौरान प्रदान की जाने वाली सेवाओं एवं सुविधाओं के बारे में बताया. इस दौरान बच्चों को शिशू प्रोजेक्ट के तहत स्पॉन्सरशिप व फोस्टर केयर योजना की जानकारी दी गई. सभी बच्चों को बताया गया कि डालसा की ओर से कानूनी मदद प्रदान की जाती है. अगर किसी को अधिवक्ता की आवश्यकता हो, अथवा उनके मामले में किसी तरह की पैरवी की जरूरत हो तो, वे एक लिखित आवेदन देकर मदद प्राप्त कर सकते हैं.
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देशभक्ति गीत पर नृत्य कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया
कार्यक्रम के अंत में संप्रेषण गृह में रह रहे बच्चों ने देशभक्ति गीत पर मनमोहन नृत्य प्रस्तूत किया. जिसकी मौजूद न्यायिक दंडाधिकारियों सहित अन्य लोगों ने काफी सराहना की. सभी बच्चों को पढ़ाने के लिए वहां एक शिक्षिका की प्रतिनियुक्ति की गई है. साथ ही उन्हें योगा-प्राणायाम वगैरह भी कराया जाता है. मौके पर पैनल लॉयर प्रीति मुर्मू पीएलवी अरुण रजक, आकाश सिंह, जयंतो नंदी, कृष्णा कांत यादव, सीमा देवी समेत अन्य लोग मौजूद थे.