Jamshedpur : डालसा ( जिला विधिक सेवा प्राधिकार) की ओर से शनिवार को परसुडीह स्थित संत रोबर्ट स्कूल में लीगल लिट्रेसी क्लास का आय़ोजन किया गया. जिसमें स्कूल के नौवीं एवं दसवीं के विद्यार्थी शामिल हुए. इस दौरान डालसा की पैनल लॉयर प्रीति मुर्मू एवं मोटिवेटर राजीव कुमार ने छात्रों को उनके मौलिक अधिकार एवं कर्तव्य से अवगत कराया. प्रीति मुर्मू ने कहा कि भारतीय संविधान में बच्चों के लिए विशेष कानूनी प्रावधान किए गए हैं.
इसे भी पढ़ें: मेरठ में BJP की स्टार प्रचारक बबीता फोगाट के काफिले पर हमला, बची, कई घायल
प्रीति मुर्मू ने बताया कि बच्चों के साथ हुए अत्याचार एवं शोषण की सार्वजनिक सुनवाई नहीं हो सकती. उन्हें जेल की बजाय सुधार गृह में रखा जाता है. जिससे वे अपनी गलतियों का सुधार कर एक अच्छा नागरिक बन सकें. वहीं राजीव कुमार ने कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं. उन्हें हमेशा सजग रहना है. जिससे वे समाज में हो रही बुराइयों का पर्दाफाश कर सकें. स्कूल हो या घर अथवा या कोई भी वैसी जगह, जहां बच्चों पर शोषण किया जा रहा हो, उसे सार्वजनिक करना बच्चों का ही कर्तव्य है. चुप रहना अधिकारों से वंचित होने के समान है. सभी को कानून में बराबरी का हक है. उसे प्राप्त करने के लिए जागरूक नागरिक बनें.
अभिभावक विहीन बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की
राजीव कुमार ने कहा कि कई बच्चे अपने माता-पिता के नहीं रहने पर उचित परवरिश एवं शिक्षा-दीक्षा से वंचित रह जाते हैं. ऐसे बच्चों की देखभाल की जिम्मेवारी सरकार की है. इस दिशा में सरकार ने कई कानून बनाएं हैं. बच्चों पर अत्याचार एवं शोषण के लिए जहां पोक्सो एक्ट बना है. वहीं शिशु प्रोजेक्ट के तहत स्पॉन्सरशिप एवं फोस्टर केयर योजना है.
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत माता पिता में किसी एक की मृत्यु अथवा दोनों की मृत्यु होने पर भरण-पोषण एवं शिक्षा-दीक्षा का प्रावधान है. कोविड काल में कई बच्चों ने अपना अभिभावक खोया है. ऐसे बच्चों को फोस्टर केयर एवं स्पांसरशिप योजना का लाभ लेना चाहिए. कार्यक्रम में पीएलवी अरुण रजक, जयंतो नंदी, विद्यालय के सहायक शिक्षक न्यूटन रिचर्ड हेम्ब्रम सहित अन्य मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें:भाषा विवाद पर सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए : प्रदीप बलमुचु