Jamshedpur (Anand Mishra) : राज्य भर के सभी विश्वविद्यालयों में झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) के माध्यम से सहायक शिक्षकों की बहाली और पीएचडी में नामांकन होगा. झारखंड सरकार इस दिशा में तैयारी कर रही है. उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग ने इस संबंध में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को एक पत्र निर्गत किया है. पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से इस संबंध में सुझाव मांगा गया है, ताकि इसके लिए नियमावली तैयार की जा सके.
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सिंडिकेट से पारित कर भेजना होगा सुझाव
विश्वविद्यालयों की ओर से फिलहाल विभाग की ओर से निर्गत पत्र सभी कॉलेजों में भी भेज दिया गया है, ताकि वहां से भी सुझाव लिया जा सके. सभी सुझावों को लेकर विश्वविद्यालय अपने सिंडिकेट में चर्चा करेंगे. सिंडिकेट से सुझावों के पारित होने के बाद उसे विभाग के पास भेजा जाएगा. सभी विश्वविद्यालयों से प्राप्त सुझावों के आधार पर विभाग नियमावली तैयार करेगा. उसके बाद इस प्रस्ताव को मूर्त रूप दिया जाएगा. राज्य में जेट का आयोजन उन सभी विषयों के लिए किया जाएगा, जिन विषयों में यहां के विश्वविद्यालयों में स्नातकोत्तर (पीजी) की पढ़ाई होती है.
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नेट की तर्ज पर होगी जेट की परीक्षा
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से जिस तरह राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) का आयोजन किया जाता है, उसी तरह राज्य सरकार यहां झारखंड पात्रता परीक्षा (जेट) का आयोजन करेगी. नेट में देश भर से अभ्यर्थी शामिल होते हैं, लेकिन जेट में सिर्फ झारखंड निवासी अभ्यर्थी ही शामिल हो सकेंगे. इस तरह राज्य में रहनेवाले योग्य अभ्यर्थियों को विश्वविद्यालयों अथवा कॉलेजों में पढ़ाने या पीएचडी करने का अवसर मिलेगा.
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शोधार्थी संघ कर रहा विरोध
राज्य में अभी जेट परीक्षा को लेकर ताना-बाना ही बुना जा रहा है. इस बीच शोधार्थी संघ ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. संघ ने कहा है कि जबतक पूर्व चयनित सहायक प्राध्यापक को ग्रेड पे और नियमित नियुक्ति नहीं मिल जाती है, तबतक राज्य जेट का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए. संघ की ओर से कहा गया है कि विभाग की ओर से यह पत्र निर्गत किये जाने के बाद से सहायक प्राध्यापक अनुबंध संघ, छात्र संगठन समेत अतिथि शिक्षकों में घोर निराशा छा गयी है. वर्ष 2007 में आयोजित जेट का हश्र पूरा देश देख चुका है, जिसकी जांच आज तक चल रही है. संघ ने कहा है कि सीबीआई की जांच में 13 विषयों में लेक्चरर के पद पर बहाली में भ्रष्टाचार की पुष्टि हुई है. इसे लेकर संघ ने जेपीएससी की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. साथ ही कहा है कि जिनका साक्षात्कार विश्वबिद्यालय द्वारा चयनित समिति द्वारा किया गया है, उन संबंधित सहायक प्राध्यापक को न्यूनतम ग्रेडपे के साथ सेवा नियमित की जाय. फिर जेट की कल्पना सरकार नौकरशाह करें. झारखंड में सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति जेट से नहीं बल्कि विश्वविद्यालय आयोग के माध्यम किया जाए, जिस पर मौजूदा कुलाधिपति ने भी अपना विचार दिया है. संघ में वर्तमान में कार्यरत घंटी आधारित यानी आवश्यकता आधारित सहायक शिक्षकों को भी उन्हें नियुक्ति करने की मांग की है.