- बड़े बकायेदारों से वसूल करें राशि : डीसी
- 10-10 बड़े बकायेदारों को चिन्हित कर नियमित सुनवाई का निर्देश
- 28 नीलामपत्र पदाधिकारियों को करनी है बकाया राशि की वसूली
Jamshedpur (Sunil Pandey) : जिले के नीलामपत्र पदाधिकारी सरकारी राशि की वसूली में रूचि नहीं दिखा रहे हैं. जिसके कारण जिले में सर्टिफिकेट केस (नीलामपत्र वाद) के 15780 मामले लंबित हैं. इन मामलों के लंबित रहने से भारी भरकम रकम की वसूली नहीं हो पा रही है. पूर्वी सिंहभूम जिले में विभिन्न बैंकों एवं सरकार की योजनाओं से राशि लेकर नहीं लौटाने वालों के पास लगभग 565 करोड़ रुपये बकाया है. उपरोक्त राशि की वसूली 28 नीलामपत्र पदाधिकारियों को करनी है. बुधवार को उपायुक्त अनन्य मित्तल ने नीलामपत्र वाद से जुड़े मामलों की समीक्षा की. जिसमें उपरोक्त आंकड़े सामने आए. सभी से लिए गए प्रतिवेदन में स्पष्ट हुआ कि अब भी जिले में 15780 मामले लंबित हैं. जिसके कारण भारी-भरकम राशि की वसूली नहीं हो पा रही है.
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10-10 बकायेदारों को चिन्हित कर करें नियमित सुनवाई
उपायुक्त ने कड़ा रूख जताते हुए सभी नीलामपत्रवाद पदाधिकारियों को मोटे बकाएदारों की सूची तैयार करने के साथ सुनवाई में तेजी लाने का निर्देश दिया. कहा अगर जरूरत पड़े तो ऐसे बकाएदारों के खिलाफ नोटिस/वारंट निर्गत कर उन्हें बुलाएं तथा केस का निष्पादन करें. ज्ञात हो कि अधिकांश मामले ऋण वसूली से जुड़े हैं. उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों को 10-10 बड़े बकायेदारों को चिन्हित कर संबंधित मामलों की नियमित सुनवाई करने को लिए कहा. इस संदर्भ में सभी संबंधित पदाधिकारियों को रजिस्टर का मिलान करने तथा थाना के स्तर से नोटिस/वारंट भेजकर कार्रवाई के लिए अनुमंडल पदाधिकारियों से समन्वय बनाने का निर्देश दिया. साथ ही बैंकिंग संस्थानों एवं पक्षकारों के बीच वादों से संबंधित अधतन प्रतिवेदन को नीलाम पत्र पदाधिकारियों से साझा करने एवं समन्वय बनाने का निर्देश दिया.
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बैठक में ये अधिकारी हुए शामिल
बैठक में अपर उपायुक्त रोहित सिन्हा, एलआरडीसी गौतम कुमार, एसडीओ घाटशिला सच्चिदांनद महतो, एसडीओ (धालभूम) पारूल सिंह, सीओ जमशेदपुर सदर मनोज कुमार, सीओ मानगो, पोटका, गुड़ाबांदा एवं घाटशिला समेत अन्य सभी नीलाम पत्र पदाधिकारी उपस्थित थे.
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क्या होता है नीलामपत्र वाद
पब्लिक डिमांड रिकवरी एक्ट के तहत किसी भी सरकारी राशि को अगर वापस नहीं किया जाता है तो उसके बदले नीलामपत्र वाद दायर होता है. वाद की सुनवाई के लिये जिला में अपर समाहर्ता, वरीय उप समाहर्ता स्तर को नीलामपत्र पदाधिकारी मनोनीत किया जाता है. यह शक्ति कमिश्नर स्तर से दी जाती है. निलामपत्र पदाधिकारी बकाएदारों से राशि की वसूली करने बकाएदार की संपत्ति की कुर्की भी कर सकता है.
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