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- शहर से भक्तों का जत्था देवघर के लिए हुआ रवाना
Jamshedpur (Sunil Pandey) : हिंदू धर्म में सावन माह का विशेष धार्मिक महत्व है. इस माह को साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस वर्ष 22 जुलाई (सोमवार) से सावन माह की शुरुआत हो रही है. 21 जुलाई को आषाढ़ मास की पूर्णिमा है, जिसे गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाएगा. दोनों दिन की अपनी-अपनी धार्मिक मान्यता है. इसे देखते हुए जमशेदपुर के मठ एवं मंदिरों की साफ-सफाई के साथ-साथ सजावट की जा रही है. बहुत से भक्त पूर्णिमा के दिन पवित्र गंगा नदी से जल उठाकर भगवान शिव पर अर्पित करते हैं. इस बार भी शहर से भक्तों का जत्था पूर्णिमा के दिन पवित्र गंगा का जल लेने के लिए सड़क एवं रेल मार्ग से सुल्तानगंज के लिये रवाना हुए. सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बहुत श्रद्धा और भक्ति भाव से की जाती है. सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना का विशेष महत्व होता है. यही कारण है कि सावन में सोमवार के दिन मंदिरों एवं शिवालयों में श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है.
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पांच सोमवार है शुभ फलदायी
कचहरी बाबा मंदिर के पुरोहित पंडित राधा कृष्ण मिश्रा ने बताया कि इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ रहा है, जो शुभ फलदायी है. इस वर्ष सावन की शुरुआत ही सोमवार से हो रही है. उसके बाद 29 जुलाई, 5 अगस्त, 12 अगस्त एवं 19 अगस्त को अंतिम सोमवारी एवं पूर्णिमा के साथ श्रावण मास समाप्त हो जाएगा. उन्होंने कहा कि पांचों सोमवार को भगवान शिव पर जलाभिषेक करने एवं रुद्राभिषेक करने का उत्तम योग है. इससे भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी.
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सावन में कांवर यात्रा का है विशेष महत्व
सावन माह में कांवर यात्रा का भी विशेष महत्व है. झारखंड में देवघर स्थित ज्योतिर्लिंग का दर्शन-पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ मची रहती है. कठिन तपस्या करके दूर-दूर से भक्त यहां पहुंचते हैं. कई भक्त सुल्तानगंज (बिहार) से कांवर में जल लेकर पैदल बैद्यनाथ धाम पहुंचते हैं. इस माह में भक्त माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करते हैं तथा सोमवार के दिन व्रत रखते हैं. जबकि अविवाहित बालिकाएं सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी का व्रत रखती हैं. मान्यता है कि इस महीने में किए गए दान और पुण्य का फल कई गुना बढ़ जाता है.
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शहर से सुल्तानगंज रवाना हुआ श्रद्धालुओं का जत्था
शनिवार को शहर से कई श्रद्धालु सुल्तानगंज एवं देवघर के लिए रवाना हुए. बारीगोड़ा निवासी दीपक कुमार ने बताया कि उनके साथ 12 सदस्यीय दल टाटा-छपरा ट्रेन से सुल्तानगंज के लिए रवाना हुआ. सभी वहां से पैदल चलकर 24 जुलाई को देवघर पहुंचेंगे तथा जलाभिषेक करेंगे. उसी दिन सभी दुमका जिले में स्थित बाबा बासुकीनाथ का भी दर्शन-पूजन करेंगे. इसी तरह शहर से कई अन्य श्रद्धालु सड़क अथवा रेल मार्ग से देवघर एवं सुल्तानगंज के लिए रवाना हुए.
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