Jamshedpur (Sunil Pandey) : इसे विडंबना कहें या प्रशासन की लापरवाही. लेकिन यह सच है कि आजादी के 75 वर्षों बाद भी पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका प्रखंड का एक गांव “बीरग्राम” अपने हक एवं अधिकार से वंचित है. सरकार की सूची में “बीरग्राम” को चिरागी गांव का दर्जा प्राप्त है. लेकिन गांव के लोगों को उनका संवैधानिक अधिकार आज तक नहीं मिल पाया. उक्त गांव में इतने वर्षों बाद भी ग्रामसभा का गठन नहीं हो पाया. यहां तक कि ग्राम प्रधान का चयन भी नहीं किया गया. जिसके कारण उक्त गांव को कई मामलों में निर्णय लेने के लिये दूसरे गांव बिरधा के ग्राम प्रधान एवं ग्रामसभा के निर्णय पर निर्भर रहना पड़ता है.
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पंचायत एक लेकिन थाना नंबर अलग-अलग
आसनबनी पंचायत के अन्तर्गत बीरग्राम एवं बिरधा गांव आता है. उक्त दोनों गांव का थाना नंबर एवं मौजा अलग-अलग है. गांव के पूर्व वॉर्ड सदस्य सह समाजसेवी डॉ. सुंदर लाल दास ने बताया कि बिरधा और बीरग्राम दोनों सम्पूर्ण अलग-अलग चिरागी गांव है. दोनों गांव की अपनी-अपनी मौजा है. साथ ही थाना नंबर भी अलग-अलग है. बिरधा गांव का थाना नं. 1273 एवं बीरग्राम का थाना नं. 1284 सरकारी दस्तावेज में दर्ज है. लेकिन बीरग्राम के लोगों को उनका संवैधानिक अधिकार नहीं मिल पाया. उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि गांव की योजनाओं के चयन में ग्रामसभा एवं ग्राम प्रधान की अहम भूमिका होती है. लेकिन आज तक ग्रामसभा का गठन एवं ग्राम प्रधान का चयन नहीं हो पाया है.
अंचलाधिकारी ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया
पूर्व पार्षद करूणामय मंडल, पूर्व वार्ड सदस्य डॉ.सुंदर लाल दास एवं ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल इस मामले को लेकर पोटका के अंचलाधिकारी से मिला. अंचलाधिकारी को पूरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया. उन्हें बताया गया कि बीरग्राम में ग्रामसभा का गठन नहीं होने के कारण सरकारी कामकाज में व्यवधान पैदा हो रहा है. स्वास्थ्य सहिया, आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, जल सहिया, किसान मित्र वगैरह के चयन के लिये बिरधा के ग्राम प्रधान के निर्णय पर आश्रित रहना पड़ता है. अंचलाधिकारी इम्तियाज अहमद ने इस संबंध में ग्रामीणों की ओर से एक लिखित आवेदन समर्पित करने के लिये कहा. जिसके आधार पर ग्रामसभा के गठन की कार्रवाई की जा सके. ग्रामसभा के गठन के बाद ग्राम प्रधान के चयन की कार्रवाई की जाएगी. अंचलाधिकारी से मिलने वालों में तापस कुमार गोप एवं प्रखंड प्रमुख सुकूरमनी टुडू भी मौजूद थीं.
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