Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता के प्रयास से यूनिवर्सिटी में एक साथ 11 रोजगारोन्मुखी सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किये गये हैं. कुलपति के निर्देश पर त्वरित कार्य करते हुए सभी कोर्स की बीओएस सम्पन्न चुका है और प्रत्येक कोर्स आउटलाइन, विषय क्षेत्र, उद्देश्य, सिलेबस आदि सभी तैयार कर दिए गए हैं. उन्होंने इस विषय पर जोर देते हुए कहा कि ये सभी कोर्स छात्राओं में कौशल विकास के प्रमुख साधन होंगें. आधुनिक समय में रोजगार प्राप्त करना जब बड़ी चुनौती लगती है. वैसे में इन कोर्स से प्रमाणपत्र और ज्ञान लेने के बाद छात्राएं बड़ी संख्या में इंटरप्रेन्योर बनकर रोजगार प्रदान कर सकती हैं. विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवा पीढ़ी और वो भी लड़कियां, लाभान्वित होंगी, जो विकास की दौड़ में कहीं पीछे छूट गयी हैं. महिला उद्यमी समय की जरूरत हैं. बेरोजगारी दूर करने के अलावा महिला सशक्तिकरण में दोहरा लाभ देनेवाले ये कोर्स स्किल इंडिया मिशन को पूरा करने की दिशा में यूनिवर्सिटी का एक प्रयास है. यूनिवर्सिटी द्वारा ये सभी प्रमाणपत्र कोर्स एक वर्ष की अवधि के हैं और इनमे नामांकन शुरू है. ये पाठ्यक्रम छात्राओं के कौशल को विकसित करने के लिए हैं, ताकि वे इस प्रतिस्पर्धी बाजार में नौकरी प्राप्त कर सकें.
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सर्टिफिकेट कोर्स : भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और बुनियादी ढांचा, परिवहन, साइबर सुरक्षा, बैंकिंग, विनिर्माण, व्यवसाय, हॉस्पिटैलिटी जैसे लगभग सभी प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक समस्याओं के स्मार्ट समाधान खोजने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विघटनकारी तकनीक का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. इसने हमारे लगभग सभी दैनिक कार्यों को प्रभावित किया है या करने की क्षमता रखता है. इस कोर्स का उद्देश्य छात्राओं को विभिन्न व्यवसायों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रभाव को समझने और उनके संबंधित क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाने के लिए विस्तृत ज्ञान प्रदान करना है.
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प्लांट टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्स : प्लांट टिशूकल्चर टेक्नोलॉजी में प्रस्तावित सर्टिफिकेट कोर्स में छात्राओं को कृषि में इस्तेमाल होने वाले प्लांट टिशू कल्चर टेक्नोलॉजी के मौजूदा पहलुओं से परिचित कराया जाएगा. पाठ्यक्रम का उद्देश्य उद्यमिता में एक सफल करियर के लिए कौशल विकास, विषय में बुनियादी और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना, टिशू कल्चर उद्योगों के लिए तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन एवं स्कूलों और जूनियर कॉलेजों में प्रशिक्षक उपलब्ध कराना है.
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फूड माइक्रोबायोलॉजी में सर्टिफिकेट कोर्स : खाद्य माइक्रोबायोलॉजी में प्रस्तावित सर्टिफिकेट कोर्स खाद्य जनित रोगजनकों और खाद्य सामाग्री को प्रदूषित करनेवाले जीवों पर जोर देने के साथ छात्राओं को खाद्य सूक्ष्म जीव विज्ञान के वर्तमान पहलुओं से परिचित कराएगा. इसके माध्यम से छात्राएं खाद्य सूक्ष्म जीव विज्ञान और खाद्य सुरक्षा के विस्तृत विषय क्षेत्र और खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने के साथ साथ खाद्य जनित बीमारियों की जांच प्रक्रियाओं का ज्ञान प्राप्त कर पायेंगी.
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फोरेंसिक साइंस में सर्टिफिकेट कोर्स : फॉरेंसिक साइंस सर्टिफिकेट कोर्स आपराधिक जांच के वैज्ञानिक घटकों और क्षेत्र के लीगल पहलुओं एवं अंतर्निहित प्रक्रियाओं पर केंद्रित है. फॉरेंसिक साइंस पाठ्यक्रम चुनौतीपूर्ण और दिलचस्प है, खासकर उन लोगों के लिए जो जिज्ञासु और साहसिक हैं. बहुत कम संख्या में छात्राएं इस विशेष क्षेत्र को चुनती हैं, इसलिए इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की कमी है. ये पाठ्यक्रम छात्राओं को प्रशिक्षित करेगा और अपराध स्थल की जांच, फोरेंसिक अकाउंटिंग, साइबर कानूनों, फोरेंसिक दवाओं आदि तकनीकों के बारे में उनके ज्ञान को बढ़ायेगा. सीएनएन मनी के अनुसार, यह भारत में छठा सबसे तेजी से बढ़ता क्षेत्र है. फोरेंसिक विज्ञान प्रमाणपत्र कोर्स का भविष्य भारत और विदेशों को मिलाकर बहुत बड़ा है. फोरेंसिक विज्ञान पाठ्यक्रम प्रमाणपत्र के बाद सरकारी प्रयोगशालाओं, निजी जांच कार्यालयों और यहां तक कि अपराध विभागों में भी वो अपना करियर शुरू कर सकती हैं.
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सेरीकल्चर में सर्टिफिकेट कोर्स : सेरीकल्चर कोर्स रेशम के कीड़ों को पालने और कच्चे रेशम के उत्पादन से संबंधित है. रेशम उत्पादन लाभकारी रोजगार, आर्थिक विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार प्रदान करता है और इसलिए यह गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है साथ ही रोजगार की तलाश में ग्रामीण लोगों के शहरी क्षेत्र में प्रवास को रोकता है. सेरीकल्चर के अध्ययन में अनुसंधान केंद्र, रेशम बोर्ड, प्रशिक्षु के रूप में, रेशम उत्पादन इकाइयों और कृषि क्षेत्र के बैंक में सरकारी नौकरियों के लिए व्यापक अवसर हैं.
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इवेंट मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स : इवेंट मैनेजर बहुत ही नवीन और असाधारण रूप से प्रतिभाशाली व्यक्ति होते हैं जो संगठनों के लिए बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं. उदाहरण के लिए, उत्पाद लॉन्च, सेमिनार और कॉर्पोरेट बैठकें और अन्य कार्यक्रम जैसे शादी, जन्मदिन समारोह आदि. इवेंट मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स छात्राओं को यह पता लगाने के लिए प्रशिक्षित करेगा कि किसी भी आयोजन के लिए अपने विचारों को अच्छे निष्पादन की ओर कैसे ले जाया जाए.
मशरूम खेती प्रौद्योगिकी में सर्टिफिकेट कोर्स : यह एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स है जो छात्राओं को सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक ज्ञान, गहन मशरूम विकास के लिए सुझाव, बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए मार्गदर्शन और मशरूम से सम्बंधित एक प्रतिष्ठित संस्थान को चलाने की कुशलता प्रदान करेगी. झारखंड में मशरूम के उत्पादन से लाभ की अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि अब तक इस क्षेत्र में अधिकांशतः पुरातन विधियों से ही उत्पादन होता है.
कथक में सर्टिफिकेट कोर्स : कथक नृत्य में एक साल का सर्टिफिकेट कोर्स जॉब ओरिएंटेड कोर्स है. कथक, एक भारतीय शास्त्रीय नृत्य है, जो व्यक्तियों के शरीर को मजबूत बनाने में भी मदद करता है. नृत्य में बहुत सारे फुटवर्क, आंखों के हाव भाव और हाथ के इशारे शामिल होते हैं. कई अध्ययनों के अनुसार, इस नृत्य से आंखों की मांसपेशियों को भी अभिव्यक्ति देते समय या उनका अभ्यास करते समय उचित व्यायाम मिलता है. यह नृत्य शरीर को तरोताजा भी करता है और अन्य व्यायाम जैसे ज़ुम्बा, एरोबिक्स आदि का एक अच्छा विकल्प है. इस कोर्स के बाद प्रशिक्षु के रूप में शहर में ही विकल्प खुल जायेंगे और कला के क्षेत्र में देश विदेश में भी छात्राएं अपना नाम रौशन कर सकती हैं.
गिटार में सर्टिफिकेट कोर्स : गिटार अपने आप को अभिव्यक्त करने में मदद करता है और अपनी भावनाओं को दूसरों तक संप्रेषित करने या यहां तक कि अपने आप को संयोजित करने के लिए एक रचनात्मक चैनल के रूप में कार्य करता है. एक कुशल गिटारवादक के रूप में आपको तीन मुख्य तरह के रोजगार मिल सकते हैं- सत्रीय गिटारवादक, कलाकार और गिटार शिक्षक.
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सर्टिफिकेट कोर्स : वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में सर्टिफिकेट कोर्स कई संभावनाओं के साथ शुरू होने जा रहा है. यह छात्राओं को जीएसटी पर कार्यसाधक ज्ञान देने में मदद करेगा. पाठ्यक्रम का उद्देश्य कराधान क्षेत्र में करियर के अवसरों की तलाश के लिए छात्राओं को लाभान्वित करना है.
डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स : डिजिटल मार्केटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स कैरियर में उड़न के लिए यूनिवर्सिटी ने शुरू किया है. यह छात्रों को मार्केटिंग डोमेन में करियर के अवसरों की तलाश करने में मदद कर सकता है, आज के डिजिटल मार्केटिंग में बहुत बड़ा क्षेत्र है और यह विभिन्न प्लेटफार्मों पर लगातार विकसित हो रहा है.
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ये सर्टिफिकेट कोर्स उन सभी छात्राओं के लिए है जो किसी भी स्ट्रीम-कला, विज्ञान और वाणिज्य में अपने स्नातक या स्नातकोत्तर विषयों के साथ-साथ एक अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में अन्य नियमित अध्ययन करना चाह रही हैं. ये सभी कोर्स के शुरू होने पर कुलपति ने सभी सम्बद्ध डीन, संकाय सदस्यों और विशेषज्ञों को बधाई दी है कि सबने मिलकर इतनी शीघ्र इतने बड़े और महत्वपूर्ण कार्य को पूरा किया है. कुलपति डॉ अंजिला गुप्ता ने कहा कि रोजगारोन्मुखी सर्टिफिकेट कोर्स छात्राओं में कौशल विकास के प्रमुख साधन होंगें. आधुनिक समय में रोजगार प्राप्त करना जब बड़ी चुनौती लगती है वैसे में इन कोर्स से प्रमाणपत्र और ज्ञान लेने के बाद छात्राएं बड़ी संख्या में इंटरप्रेन्योर बनकर रोजगार प्रदान कर सकती हैं. विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवा पीढ़ी और वो भी छात्राएं लाभान्वित होंगीं, जो विकास की दौड़ में कहीं पीछे छूट गयी हैं. महिला उद्यमी समय की जरूरत हैं. बेरोजगारी दूर करने के अलावा महिला सशक्तिकरण के दोहरे लाभ देनेवाली ये कोर्सेज स्किल इंडिया मिशन को पूरा करने की दिशा में यूनिवर्सिटी का एक प्रयास है.
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