Jamtara : बैंक का फर्जी अधिकारी बनकर साइबर क्राइम के जरिये लाखों रुपये की ठगी करने के मामले की अंतिम सुनवाई बुधवार को जिला जज प्रथम श्रीशदत्त त्रिपाठी के न्यायालय द्वारा पूरी की गई.
मामले में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने मामले के एक आरोपी करमाटांड़ थाना क्षेत्र के हेट भीठरा निवासी सलमान अंसारी को आईटी एक्ट की धारा 66 (c) के तहत दोषी करार देते हुए एक साल का कारावास तथा ₹80 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.
वही भादवि की धारा 471 में दोषी पाते हुए 1 साल के कारावास और ₹10 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा होगी. न्यायालय ने अपने आदेश में सभी सजाएं साथ साथ चलने का आदेश दिया है.
हालांकि आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनाई गई. चूंकि आरोपी मंडल कारा में बंद है. आरोपी 9 दिसंबर 2020 से ही मंडल कारा में है. आरोप है कि आरोपी ने अपने बैंक खाता में लगभग 56 लाख रुपये की हेराफेरी की है.
दोषी साइबर अपराधी द्वारा अन्य साइबर आरोपियों के माध्यम से अपने खाता में रुपया ट्रांसफर कराता था तथा कमीशन लेकर रुपयों को पुनः साइबर आरोपियों को देता था. मामले में सरकार की ओर से कुल 11 गवाहों का परीक्षण कराया गया है.
बचाव पक्ष की ओर से भी दो गवाह का परीक्षण कराया गया. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता सतीनाथ मंडल ने बहस की थी, जबकि सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक बशीर अहमद खान ने बहस की. आरोपी के विरुद्ध जामताड़ा साइबर केस नंबर 66/20 दर्ज है
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