सत्ता पक्ष ने कहा- साजिश के तहत हेमंत को फंसाया, समय बर्बाद हुआ
विपक्ष ने कहा,हेमंत सोरेन को जमानत मिला है, बाइईज्जत बरी नहीं
फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से जमकर हुई नारेबाजी
Ranchi : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के तीसरे दिन की पहली पाली भी हंगामेदार रही. हंगामे के कारण स्पीकर को 11: 30 से दोपहर 12:30 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. सुबह 11: 08 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के आदेश से यह साबित हो गया कि सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी ने गलत केस दर्ज किया. यह पूरी तरह से साजिश थी. भाजपा विधायक बाबूलाल मरांडी और गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे ने पहले ही बोल दिया था कि हेमंत सोरेन और उनका पूरा परिवार जेल जायेगा. इन लोगों ने हेमंत सोरेन के खिलाफ साजिश किया. इस पर भाजपा के नेता कान पकड़ कर माफी मांगे. वहीं विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि भाजपा के ऑपरेशन लोटस के नये स्वरूप का सामना करना पड़ा. पांच साल में जो कल्याणकारी योजनाएं बाधित हुईं, उसकी जवाबदेही कौन लेगा. भाजपा को राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए. इस बीच नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन को न्यायलय से जमानत मिला है. उनको बाईज्जत बरी नहीं किया गया.इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने सामने हो गये और वेल में चले गये. दोनों ओर से एक-दूसरे के खिलाफ जमकर नारेबारी हुई. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12: 30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
12: 30 में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक वेल में घुसे
दोपहर 12: 30 में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक वेल में घुस गये. इस बीच शून्यकाल चलता रहा. बीजेपी विधायक वेल में नारेबाजी करते रहे. बीजेपी विधायकों ने आदिवासी विरोधी सरकार, बंग्लादेशी घुसपैठ बंद करो, मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं चलेगा के नारे लगाये. हंगामे के बीच स्पीकर ने कहा कि 31 जुलाई को दूसरी पाली में भी ध्यानाकर्षण की सूचनाएं ली जायेंगी. इसके बाद स्पीकर ने दोपहर दो बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
अवैध खनन के कारण कई पहाड़ों का अस्तित्व खतरे में
अवैध खनन के कारण राजधानी रांची समेत कई पुराने एवं ऐतिहासिक पहाड़ों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. यह सवाल भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने सदन में अल्पसूचित प्रश्न में उठाया. उन्होंने कहा कि संथाल के साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, राजधानी रांची, रामगढ़ और पलामू सहित झारखंड के अधिकत्तर जिलों में साढ़े चार साल से अवैध खनन जारी है. इस कारण इन पहाड़ों का अस्तित्व खत्म सा हो गया है. इन पहाड़ों की जगह अब बड़े-बडृे गढ्ढे बचे हैं. विधायक ने जानना चाहा कि क्या सरकार व्यापक स्तर पर जनहित में इन पहाड़ों को अवैध खनन और परिवहन कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पत्थर माफिया और इसमें संलिप्त पदाधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी.
इन पहाड़ों का अस्तित्व हो चुका है खत्म
विधायक ने बताया कि साहिबगंज का नींबू पहाड़, रांची का नामकुम राजाउलातु, उनीडीह, महादेव टोली पहाड़, बजरा पहाड़, ओरमांझी-रामगढ़ रोड स्थित चुटूपालू घाटी के खिराबेड़ा पहाड़, बहरागोड़ा का ज्योति पहाड़ आदि शामिल हैं. यहां से अरबों रूपये के पत्थर-स्टोन-चिप्स सरकार ने झारखंड के विभिन्न जिलों सहित पड़ोसी राज्यों में भेज दिये. वहीं अब इन पहाड़ों के गायब होने पर उक्त खाली जमीन को समतल कर कई लोग अवैध कब्जा कर घर और कॉलोनी बना रहे हैं.
वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में टास्क फोर्स ने अवैध खनन के खिलाफ की कार्रवाई
सरकार की ओर जवाब दिया गया कि राज्य में पत्थर सहित सभी खनिजों के अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर खनन टास्क फोर्स गठित है. टास्क फोर्स ने अवैध खनन, भंडारण, परिवहन के खिलाफ वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में राज्य भर में कार्रवाई की है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 403 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी की गयी.वहीं 1671 वाहन जब्त किये गये. इस दौरान 556.05 लाख की वसूली भी हुई. वहीं वित्तीय वर्ष 2023-24 में 335 लोगों पर प्राथिमिकी, 1285 वाहन जब्त और 431.61 लाख की वसूली की गयी.
बिरंची ने सदन में उठाया बालू संकट का मामला
बालू के वैध खनन बंद होने के कारण बढ़ा संकट
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने सदन में बालू संकट का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि झारखंड में वर्तमान में झारखंड स्टेट सैंड माइनिंग पॉलिसी 2017 लागू है. इसके तहत केटेगरी-1 में 235 बालू घाट और केटेगरी-2 में 444 बालू घाट हैं. इनमें मात्र 44 बालू घाट ही वैध है, जिसमें बालू का वैध खनन हो रहा है. शेष बालू घाटों में जेएसएमडीसी के माध्यम से टेंडर, माइनिंग प्लान की प्रक्रिया पूर्ण होने से इन बालू घाटों में वैध खनन बंद है, जिसके कारण धड़ल्ले से बालू घाटों से अवैध खनन और भंडारण हो रहा है. उन्होंने इस मामले को उठाते हुए सरकार से मांग की कि सरकार अनियमितता पर तत्काल रोक लगाते हुए इसके अवैध खनन, भंडारण एवं परिवहन में शामिल व्यक्तियों एवं पदाधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे.