Ranchi: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दल रेस हो गए हैं. रणनीति पर रणनीति बनाई जा रही है. हर दल में उम्मीदवारी को लेकर दावे पर दावे किए जा रहे हैं. प्रदेश भाजपा में भी उम्मीदवारी को लेकर दावे पर दावे हो रहे हैं. लेकिन टिकट के लिए डगर काफी कठिन है. जानकारी के अनुसार, उम्मीदवारी का दावा करने वाले को सर्वे के चार मानकों पर खरा उतरना होगा. भाजपा इस बार उम्मीदवारों की स्थिति का आकलन करेगी. फिर कार्यकर्ताओं और क्षेत्र के लोगों की इच्छा को जानने और समझने के लिए अलग-अलग सर्वे कराया जाएगा. इसी सर्वे रिर्पोट के आधार पर केंद्रीय नेतृत्व उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम फैसला लेंगे.
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इस महीने उम्मीदवारों की हो सकती है घोषणा
जानकारी के अनुसार, भाजपा इसी महीने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकती है. सोमवार को हुई बैठक में इस इस बात की भी चर्चा हुई थी कि हर विधानसभा सीट से पांच उम्मीदवारों के नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा.
28 आरक्षित सीटों पर है बीजेपी का फोकस
भाजपा इस बार विधानसभा की 28 आरक्षित सीटों पर फोकस कर रही है. इसकी वजह यह भी है कि 2019 के चुनाव में 28 आरक्षित सीटों में से सिर्फ दो में ही भाजपा को जीत मिली है. इन सीटों पर जीत हासिल नहीं होने के कारण भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ा था. इस बार बीजेपी संथाल और कोल्हान पर सबसे अधिक फोकस किया है. झामुमो के कद्दावर नेता चंपाई सोरेन के भाजपा में आने के बाद बीजेपी थोड़ी राहत महसूस कर रही है.
आदिवासी नेताओं को मोर्चे पर तैनाती की तैयारी
प्रदेश भाजपा आदिवासी नेताओं को मोर्चे पर तैनाती की तैयारी कर रही है. इसमें कई बड़े नाम हैं. पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी और चंपाई सोरेन शामिल हैं. इसमें इन नेताओं के चुनाव लड़ने का साथ-साथ और भी आदिवासी नेताओं के चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही है. जिसमें सुदर्शन भगत, गीता कोड़ा, समीर उरांव, अरूण उरांव, सुनील सोरेन और ताला मरांडी का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है.
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