Ranchi: झारखंड में विधानसभा से में अग्निशमन सेवा विधेयक 2024 सदन में पारित हो गया है. राज्य सरकार की अधिसूचना के बाद इसे झारखंड अग्निशमन सेवा अधिनियम 2024 कहा जायेगा. जो कि पूरे राज्य में प्रभावी होगा. इसके तहत अग्नि सुरक्षा पदाधिकारी की नियुक्ति होगी. अग्निशमन सेवा विधेयक पारित होने के बाद अग्निशमन विभाग के पदाधिकारी किसी भी भवन या परिसर में जाकर उसका निरीक्षण कर सकते है. साथ बार बार नियमों का उल्लंघन करने पर भवन या परिसर को सील करने की भी कार्रवाई कर सकते है.
बचाव कार्यों को पूरा करने के लिए किसी परिसर को तोड़कर प्रवेश कर सकेगा
अग्निशमन विभाग ऐसे अतिक्रमण जिस वजह से अग्निशमन कार्यों में बाधा पहुंचने की संभावनाएं हो उसे हटाने के आदेश जारी कर सकता है. अग्निशमन विभाग, ऐसे किसी व्यक्ति, जो अग्निशमन कार्यों को बचाने में हस्तक्षेप करेगा या बाधा डालेगा, उसको हटाने की कार्रवाई करेगा. अग्निशमन विभाग, ऐसे किसी स्थान, गली, मार्ग को बंद कर सकेगा जहां आग बुझाने का कार्य चल रहा हो. अग्निशमन विभाग आग बुझाने अथवा बचाव कार्यों को पूरा करने के लिए हौज या अन्य उपकरणों को ले जाने के लिए कम से कम संभावित क्षति पहुंचा कर किसी परिसर को तोड़कर प्रवेश कर सकता है, और उसे तोड़ सकता है. अग्निशमन विभाग आग बुझाने के लिए किसी भी धारा, कुंआ, तालाब या कोई अन्य श्रोत (चाहे वह निजी या सार्वजनिक हो) उसका उपयोग कर सकता है.
थाना प्रभारी की समान शक्तियों का प्रयोग कर भीड़ तितर-बितर कर सकेगा
अग्निशमन विभाग आग बुझाने अथवा बचाव कार्यों में बाधा पहुंचाने वाले व्यक्तियों के जमावड़े को थाना प्रभारी की समान शक्तियों का प्रयोग कर तितर-बितर कर सकता है. अग्निशमन विभाग आग बुझाने अथवा बचाव कार्य में बाधा पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर नजदीकी थाने को प्रतिवेदन के साथ सौंप सकता हैं, अग्निशमन विभाग ऐसे किसी भवन या परिसर में प्रवेश कर उसका निरीक्षण कर सकता.
जांच विभाग को अग्नि सुरक्षा उपायों की अपर्याप्तता अथवा उल्लंघन की सूचना मिलती हो. अधिनियम के अध्याय-VI में निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने पर दोषी को अधिकतम छह माह कारावास और 50 हजार रूपया के दण्ड का प्रावधान किया गया है. अगर यह उल्लंघन लगातार जारी रहते हैं. तो जुर्माना प्रत्येक दिन के लिए तीन हजार रूपया प्रति दिन तक बढ़ाया जा सकेगा.
नियमों का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
निर्धारित नियमों का उल्लंघन करने पर अग्निशमन विभाग किसी व्यक्ति को किसी भवन या परिसर से दूर कर सकता है, जो भवन या परिसर जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक माना जायेगा. भवन और परिसर खाली होने के बाद अग्निशमन विभाग ऐसे परिसर को सील कर सकता है, सील किये गये भवन या परिसर में बिना अग्निशमन विभाग की अनुमति के प्रवेश करने पर अधिकतम तीन माह की सजा और अधिकतम 25 हजार रूपया के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. इस अधिनियम के तहत सरकार द्वारा झारखण्ड राज्यान्तर्गत भूमि और भवनों पर संपत्ति कर के रूप में अग्निशमन कर लागू किया जा सकेगा.
जानें आम नागरिकों का दायित्व
अग्निशमन विधेयक के मुताबिक पंडाल लगाने वालों को अग्निशमन विभाग की देखरेख में अग्निशमन सुरक्षा उपायों का पालन करना होगा. निदेशित उपायों का समय-सीमा के अंदर पालन नहीं किये जाने की परिस्थिति में अग्निशमन विभाग पंडाल को सील कर सकेगा. अग्नि सुरक्षा पदाधिकारी की नियुक्ति होगी. इनके जिम्मे यह 100 से अधिक लोगों के बैठने की क्षमता वाले सिनेमाघर, 10 हजार वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल में बने वाणिज्यिक कॉम्प्लेक्स व एक से अधिक सिनेमा को प्रदर्शित करनेवाले भवनों की सुरक्षा होगी. अग्नि सुरक्षा पदाधिकारी की नियुक्ति नहीं किये जाने की परिस्थिति में संबंधित भवन और प्रतिष्ठान केमालिक या उपयोग करने वाले व्यक्ति और प्रतिष्ठान पर प्रति वर्ग मी० न्यूनतम दस रुपया से अधिकतम 50 रुपया का जुर्माना प्रतिमाह वसूल किया जा सकेगा.
गलत सूचना देने वाले व्यक्ति पर अधिकतम 3 माह की सजा
अग्निशमन और बचाव कार्यों में जान-बूझकर बाधा डालने वाले व्यक्ति पर अधिकतम तीन माह की सजा या अधिकतम पांच हजार रूपया के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. आग लगने की जान-बूझकर गलत सूचना देने वाले व्यक्ति पर अधिकतम तीन माह की सजा या अधिकतम एक हजार रूपया के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
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