Ranchi : झारखंड अग्निशमन सेवा ने नागरिकों को आग से सुरक्षा के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के अग्निशमन यंत्रों (फायर एक्सटिंग्विशर) और उनके उपयोग के तरीकों को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
बताया कि आग को मुख्यतः तीन वर्गों – A, B और C में विभाजित किया जाता है, और हर वर्ग की आग के लिए अलग तरह के फायर एक्सटिंग्विशर का इस्तेमाल जरूरी होता है.
अग्निशमन सेवा के अनुसार, निम्नलिखित यंत्रों का उपयोग उचित है
1. वाटर CO₂ (Water CO₂) – वर्ग A की आग के लिए : यह यंत्र ठोस पदार्थों जैसे कागज़, लकड़ी, कपड़े आदि की आग बुझाने में उपयोगी होता है. इसका प्रयोग कार्यालय, अस्पताल, थिएटर, बैंक जैसे स्थानों में किया जाता है. ध्यान रहे, इसे किसी भी स्थिति में विद्युत उपकरणों पर नहीं प्रयोग करना चाहिए.
2. मैकेनिकल फोम (AFFF) – वर्ग B की आग के लिए : तरल पदार्थों जैसे पेट्रोल, डीजल, पेंट आदि की आग बुझाने में प्रभावी. यह सतह को ढककर ऑक्सीजन की आपूर्ति को रोकता है. पेट्रोल पंप और पेंट फैक्ट्रियों में इसका उपयोग किया जाता है. इसे भी विद्युत उपकरणों पर नहीं प्रयोग करें.
3. कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) – वर्ग B और C की आग के लिए : यह यंत्र इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, मोटर रूम, प्रिंटिंग प्रेस आदि में उपयोगी है. इसके उपयोग के समय उचित वेंटिलेशन होना जरूरी है. यह विद्युत और तरल पदार्थों की आग पर प्रभावी है.
4. ड्राई केमिकल पाउडर (DCP) – वर्ग B और C की आग के लिए : गैस और विद्युत उपकरणों की आग बुझाने में अत्यंत कारगर. यह यंत्र रासायनिक प्रक्रिया को रोककर आग को नियंत्रित करता है.
5. एबीसी पाउडर (ABC Powder) – वर्ग A, B, और C की आग के लिए : यह बहुउपयोगी यंत्र है जो ठोस, तरल व गैस आधारित सभी प्रकार की आग पर प्रभावी होता है. इसे घरों, दुकानों, सर्वर रूम आदि में उपयोग किया जा सकता है.
जनहित में अपील: गृह रक्षा एवं अग्निशमन सेवा, झारखंड के महानिदेशक-सह-महानिरीक्षक ने नागरिकों से अपील की है कि अग्निकांड की स्थिति में घबराएं नहीं और उपलब्ध अग्निशमन यंत्रों का सही प्रकार से उपयोग करें. साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षित बाहर निकलने के मार्ग की जानकारी रखें और भीड़-भाड़ से बचें.