- झारखंड में पहले भी होती थी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती, लेकिन विनष्टीकरण होता था कम
- डेढ़ दशक में पहली बार 20 हजार एकड़ में लगी अफीम की खेती को किया गया नष्ट
Ranchi : झारखंड में पहले भी अफीम की खेती होती रही है, पर इसके विनाश का आंकड़ा उस समय काफी कम था. लेकिन करीब डेढ़ दशक में पहली बार साल 2025 में झारखंड पुलिस ने 20 हजार एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया है.
डीजीपी अनुराग गुप्ता के आदेश पर राज्य के चतरा, खूंटी, लातेहार, रांची, पलामू, चाईबासा, सरायकेला और हजारीबाग में अब तक 20 हजार एकड़ में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया गया है.
बता दें कि राज्य के आठ जिलों में अफीम तस्करों ने वर्ष 2024-25 में 40 अरब से अधिक की अफीम के उत्पादन का लक्ष्य रखा था. लेकिन झारखंड पुलिस की इस कार्रवाई से नशे के कारोबार पर लगाम लगाने और किसानों को अवैध खेती से दूर करने में मदद मिलेगी.
डेढ़ दशक में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर अफीम की खेती को किया गया नष्ट :
- – 2025 : 20 हजार एकड़
- – 2024 : 3974 एकड़
- – 2023 : 2545 एकड़
- – 2022 : 2926 एकड़
- – 2021 : 3034 एकड़
- – 2020 : 2634 एकड़
- – 2019 : 2015 एकड़
- – 2018 : 2160 एकड़
- – 2017 : 2676 एकड़
- – 2016 : 259 एकड़
- – 2015 : 516 एकड़
- – 2014 : 81.26 एकड़
- – 2013 : 247 एकड़
- – 2012 : 66.60 एकड़
- – 2011 : 26.85 एकड़
झारखंड के आठ जिलों के 24 थाना क्षेत्रों में सबसे अधिक होता है नशे का कारोबार :
- – हजारीबाग जिला : सदर, कटकमसांडी, चौपारण.
- – रांची जिला : नामकुम, लोअर बाजार, सुखदेवनगर.
- – खूंटी जिला : खूंटी, सायको, अड़की, मुरहू, मारंगदाहा.
- – चतरा जिला : सदर, कुंदा, लावालौंग, वशिष्ठनगर, राजपुर, प्रतापपुर, हंटरगंज, गिद्धौर.
- – लातेहार जिला : बालूमाथ.
- – जमशेदपुर जिला : मानगो, सीतारामडेरा.
- – सरायकेला जिला : आदित्यपुर.
- – गुमला जिला : गुमला.