- होटल बीएनआर में आयोजित हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का जोनल मीटिंग
- केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी नहीं आयीं, उनकी जगह केंद्रीय राज्य मंत्री ने लिया हिस्सा
Ranchi : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार की जोनल मीटिंग शनिवार को होटल बीएनआर में हुई. इस बैठक में झारखंड, ओड़िशा और छत्तीसगढ़ के विभागीय अधिकारी शामिल हुए. बैठक में केंद्रीय विभागीय मंत्री स्मृति इरानी शामिल नहीं हुईं. उनकी जगह केंद्रीय राज्यमंत्री मुंजपारा महेंद्र भाई शामिल हुए. बैठक में झारखंड की ओर विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने झारखंड का पक्ष मजबूती से रखा. मांझी ने कहा कि यह मंत्रालय बिना केंद्र सरकार के सहयोग से नहीं चल सकता है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत एपीआईपी के आलोक में कम केंद्रांश राशि दी गयी है, जिसके कारण वित्तीय वर्श 2021-22 में आईसीडीसी के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन, आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकओं का मानदेय, आंगनबाड़ी केंद्र का किराया, मोटर किराया आदि मद में कुल 122 करोड़ का भुगतान नहीं हो सका. इसके साथ ही कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 तक व्यय की गयी राशि के विरूद्ध केंद्रांश मद में लगभग 71 करोड़ की आवश्यकता है.
आंगनबाड़ी केंद्र भवन का केंद्रांश अब तक नहीं मिला
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि राज्य में मनरेगा के समन्वय से 3801 आंगनबाड़ी केंद्र निर्मित हो चुके हैं. भारत सरकार के निर्देशानुसार सभी आंगनबाड़ी केंद्रों के निजी भवन अपेक्षित हैं. ऐसे में राज्य में 126680 अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्र भवन निर्माण के लिए केंद्रांश राशि अब तक नहीं दी गयी है.
38 नए बाल विकास परियोजनाओं की स्वीकृति केंद्र नहीं दे रहा
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि राज्य में जनसंख्या के अनुपात में नए आंगनबाड़ी केंद्रों के सृजन की आवश्यकता है. जिसके लिए भारत सरकार से अनुरोध करती हूं कि राज्य में स्वीकृत प्रखंडों की संख्या के अनुरूप बाल विकास परियोजनाओं की कमी है. इसके लिए अतिरिक्त 38 बाल विकास परियोजाओं की स्वीकृति केंद्र सरकार से अपेक्षित है. इसी प्रकार राज्य के 4 जिलों के लिए समाज कल्याण कार्यालय की स्वीकृति अपेक्षित है.
कुपोषण उन्मूलन की राशि भी बाकी है
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि राज्य में एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के अनुसार करीब 40 प्रतिशत बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. इसके निराकरण हेतु आंगनबाड़ी केंद्रों में एमसीएम के 3-6 वर्ष के बच्चों के लिए सप्ताह में 6 दिन अंडा उपलब्ध कराने हेतु राज्य द्वारा योजना स्वीकृति की गयी है. जिसके निमित्त अतिरिक्त राशि का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है. साथ ही अतिगंभीर रूप से कुपोषित एसएएम बच्चों के लिए विशेष पोषाहार सामग्री उपलब्ध कराया जाना भी विचाराधीन है. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में कुपोषण के उन्मूलन के निमित्त राशि बाकी है.
पोषण सखी रखने की स्वीकृति नहीं मिली
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि राज्य में कुपोषण की स्थिति को देखते हुए पूर्व में 6 जिलों में पोषण सखी कार्यालय थे. जिन्हें केंद्रीय मंत्रालय के निदेशानुसार कार्यमुक्त किया गया है. कुपोषण की समस्या के निराकरण के लिए राज्य के सभी जिलों में पोषण सखी की आवश्यकता है. इसकी स्वीकृति भारत सरकार से बाकी है.
मानदेय मद में आंवटन अब तक नहीं
मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत सरकार की अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है. इसके लिए झारखंड बेहतर प्रदर्शन करते हुए अब तक कुल 7,39,788 लाभुकों को लाभान्वित किया है. मगर भारत सरकार से मानदेय मद में आंवटन अब तक नहीं मिला है. इसके कारण जिला स्तरीय कार्यरत कर्मियों को मानदेय भुगतान नहीं हो रहा पा रहा है. इसके कारण कई कर्मियों ने काम छोड़ दिया है. योजना प्रभावित हो रही है.
सुपरवाइजरों को स्कूटी मुहैया कराएं
विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि झारखंड जंगल, पहाड़ी, दुर्गम क्षेत्रों में बसता है. हमारे सीडीपीओ और सुपवाईजरों को दुर्गम स्थानों में जाने में बहुत अधिक दिक्कतें होती हैं. इसलिए केंद्र सरकार सीडीपीओ और डीपीओ को चार पाहिया वाहन तथा सुपरवाइजरों को स्कूटी मुहैया कराए.
केंद्र सरकार गहनता से विचार करेगी – महेंद्रभाई
विभागीय केंद्रीय राज्य मंत्री डा मंजूपारा महेंद्रभाई ने झारखंड सरकार द्वारा उठाए गए मुद़दों पर कहा कि जल्द ही केंद्र सरकार इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए राशि देने का काम करेगी. उठाए गए सभी मामलों पर केंद्र सरकार गहनता से विचार करेगी. उन्होंने कहा कि बच्चे और महिलाएं किसी एक राज्य विशेष की नहीं होते हैं. बल्कि पूरे देश के होते हैं. केंद्र सरकार का फोकस इस पर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस विभाग को लेकर बहुत अधिक गंभीर हैं. इस मौके पर केंद्रीय विभागीय सचिव इंदूवार पांडेय ने विभाग से जुड़ी नयी स्कीम के बारे में एक-एक बारिकियों के बारे में बताया. वहीं समाज कल्याण निदेशक ए डोडे ने झारखंड सरकार द्वारा विभाग की ओर से किए जा रहे अलग से कार्यों एवं समस्याओं के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने राज्यांश से बच्चों को सप्ताह में छह अंडे प्रति बच्चे दे रही है.
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