Ranchi: झारखंड सचिवालय सेवा संघ के कर्मियों को अपना नया कार्यालय भवन जल्द मिलेगा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष विवेक आनंद वास्के से एक प्रस्ताव मांगा है. विवेक आनंद वास्के वही व्यक्ति हैं, जिसने आदिवासी महिला सुनीता खाखा को न्याय दिलाने में काफी प्रयास किया था. दरअसल शुक्रवार को झारखंड सचिवालय सेवा संघ एवं झारखंड विधान सभा सचिवालय की संयुक्त तत्वावधान में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने को लेकर एक धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम झारखंड विधानसभा में आयोजित हुआ था. वहां बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी पहुंचे थे. इस दौरान सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष विवेक आनंद वास्के ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की और उन्हें नया कार्यालय भवन खोलने में सरकार के सहयोग देने का आग्रह किया. इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें कार्यालय भवन खोलने के लिए जमीन चिह्नित करके एक प्रस्ताव देने की बात कही. वहीं कार्यक्रम में सचिवालय सेवक संघ ने मुख्यमंत्री को उनके किए पुराने पेंशन योजना दोबारा बहाल करने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए भी धन्यवाद दिया.
प्रोजेक्ट भवन के आसपास ही बनाया जाएगा सचिवालय सेवा संघ का कार्यालय भवन
लगातार न्यूज से बातचीत में सचिवालय सेवा संघ के अध्यक्ष ने बताया कि प्रोजेक्ट भवन के आसपास जल्द ही जमीन चिह्नित करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को दिया जाएगा. इस दौरान मुख्यमंत्री ने आदिवासी महिला सुनीता खाखा को न्याय दिलाने के लिए विवेक आनंद वास्के के किये कार्यों की व्यक्तिगत रूप से सराहना भी की. बता दें कि बीजेपी नेत्री सह पूर्व आइएएस महेश्वर पात्रा की पत्नी सीमा पात्रा ने अपने रांची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित घर में कई माह से एक आदिवासी युवती को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना दे रही थी. इस पर विवेक वास्के ने अरगोड़ा थाने में इस बाबत शिकायत की थी. इसी शिकायत पर आदिवासी महिला सुनीता खाखा को पुलिस में बीजेपी नेत्री के घर से रेस्क्यू किया गया था. इस मामले में आरोप महेश्वर पात्रा की पत्नी सीमा पात्रा पर लगा था. सीमा पात्रा बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी कार्यसमिति की सदस्य थीं. मामला सामने आने के बाद उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था.
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