Ranchi : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में दो दिनों के लिए इंटरनेट बैन को तुगलकी फरमान बताया है. इसे लेकर राज्य सरकार के फैसले की खिंचाई की है. एक्स पर पोस्ट करते कहा कि हेमंत सरकार द्वारा झारखंड में दो दिनों के लिए सुबह से दोपहर तक (8:00- 1:30 बजे दिन तक) इंटरनेट बंद किए जाने का निर्णय अव्यवहारिक और हास्यास्पद है. जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की परीक्षा देने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं. इंटरनेट बंद कर देने के फैसले दूसरे राज्यों से आए अभ्यर्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इंटरनेट हमारी दैनिक दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा बन चुका है.
हेमंत सरकार द्वारा झारखंड में दो दिनों शुबह से दोपहर इंटरनेट बंद किए जाने का निर्णय अव्यवहारिक और हास्यास्पद है।
हेमंत जी, JSSC CGL परीक्षा की परीक्षा देने के लिए कई राज्यों के अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। इंटरनेट बंद कर देने के फैसले दूसरे राज्यों से आए अभ्यर्थियों को कठिनाई का…
— Babulal Marandi (@yourBabulal) September 21, 2024
रेल सेवा… हवाई सेवा…इंटरनेट हर जगह जरूरत बन चुका है.
बच्चों की पढ़ाई लिखाई से लेकर बैंकिंग कार्यों तक, सरकारी दफ्तरों से लेकर गांवों के प्रज्ञा केंद्रों तक…स्कूल, कचहरी, अस्पताल, मकान, दुकान… सड़क यातायात…रेल सेवा… हवाई सेवा…इंटरनेट हर जगह की जरूरत बन चुका है. आपके द्वारा इंटरनेट बंद किए जाने के निर्णय से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोगों के काम-धंधे प्रभावित हो रहे हैं, राज्य की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है. बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन से कहा कि सिर्फ इंटरनेट पर ही पाबंदी क्यों लगा रहे हैं? लोगों के घरों से बाहर निकलने पर ही पाबंदी लगा दीजिए. बाजार बंद करा दीजिए. कर्फ्यू की घोषणा कर दीजिए. अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए बिना पूर्व सूचना के अचानक से देर रात इंटरनेट बंद करने का मूर्खतापूर्ण फैसला वापस लीजिए.
आपके पास कदाचारमुक्त परीक्षा कराए जाने की क्षमता नहीं है
जनता समझ चुकी है कि आपके पास कदाचारमुक्त परीक्षा कराए जाने की क्षमता ही नहीं है. याद रखिए, जिन सलाहकारों की वजह से आप पांच माह के होटवार प्रवास से वापस आए हैं, वही सलाहकार आपको जगहंसाई का पात्र बनाने और आपसे एक के बाद तुगलकी फैसले करवा कर आपको रसातल में पंहुचाने पर तुले हुए हैं. बाबूलाल ने हेमंत सोरेन से अनुरोध करते कहा है कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा का पेपर लीक रोकने के नाम पर इंटरनेट बंदी के बेतुके और असंवैधानिक तुगलकी फरमान को अविलंब वापस लें.