Ranchi : मुख्य सचिव अलका तिवारी ने राज्य में ड्रग्स के उत्पादन, वितरण और उपभोग पर सख्ती से निगरानी रखने का निर्देश उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को दिया है. उन्होंने नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार से जुड़े तत्वों पर त्वरित और कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है. साथ ही, संबंधित विभागों को ड्रग्स के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ जन-जागरूकता अभियान को भी और अधिक प्रभावशाली बनाने पर बल दिया गया.
मुख्य सचिव ने दवा दुकानों से नशीली दवाओं और सीरप की बिक्री पर चिंता जताई और इस अवैध नेटवर्क की पहचान कर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. उन्होंने सभी लाइसेंसधारी दवा दुकानों की सूची गृह सचिव को उपलब्ध कराने को कहा, ताकि बिना लाइसेंस वाली दुकानों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई की जा सके.यह निर्देश मंगलवार को नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (NCORD) की पाँचवीं राज्य स्तरीय समिति की बैठक में दिए गए, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्य सचिव अलका तिवारी ने की.
छह गुना अधिक अफीम की फसल नष्ट की गई : बैठक में बताया गया कि 2024-25 में लगातार चलाए गए अभियानों के चलते पोस्ते (अफीम) की अवैध खेती के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हुई है. वर्ष 2023–24 में जहां 4,860 एकड़ में पोस्ते की फसल नष्ट की गई थी, वहीं 2024–25 में यह आंकड़ा बढ़कर 27,015 एकड़ हो गया—जो पिछले वर्ष की तुलना में छह गुना अधिक है.इसी प्रकार, मादक पदार्थों से जुड़े मामलों में 2023 में 529 केस दर्ज हुए थे और 773 गिरफ्तारियाँ की गई थीं. वर्ष 2024 में अब तक 803 मामले दर्ज हुए और 1,062 गिरफ्तारियाँ हुई हैं.
प्रवर्तन एजेंसियों को लगातार किया जा रहा प्रशिक्षित : नशे के अवैध व्यापार पर प्रभावी नियंत्रण हेतु प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों को निरंतर प्रशिक्षित किया जा रहा है. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के सहयोग से पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act) के प्रावधानों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है. अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय, होटवार, रांची में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार संचालित है. वन विभाग के कर्मचारियों को भी इस प्रक्रिया से जोड़ा गया है.एनसीबी और राज्य पुलिस के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी निर्धारित की गई है.
जब्त मादक पदार्थों के निपटान पर जोर :बैठक में जब्त मादक पदार्थों के समयबद्ध निपटान पर विशेष बल दिया गया. कुछ जिलों द्वारा निपटान में पिछड़ने की बात सामने आने पर संबंधित उपायुक्तों को इसकी प्राथमिकता के साथ निष्पादन का निर्देश दिया गया.साथ ही, जब्त सामग्री को सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक जिले में मालखाना निर्माण पर भी बल दिया गया. जिन जिलों में भूमि या उपयुक्त भवन नहीं हैं, वहां त्वरित समाधान निकालने के निर्देश दिए गए.
‘मानस पोर्टल’ के ज़रिए सूचना दें, पाएं इनाम : ड्रग्स के खिलाफ जन-सहभागिता बढ़ाने के लिए मानस पोर्टल जुलाई 2024 में लॉन्च किया गया है. इसके माध्यम से आम नागरिक ड्रग्स के अवैध उत्पादन, वितरण या उपभोग से जुड़ी सूचना गोपनीय रूप से दे सकते हैं. सत्यापन के बाद यदि सूचना सही पाई जाती है तो सूचना देने वाले को इनाम भी दिया जाता है.
एनसीबी के अनुसार, देशभर से अब तक इस पोर्टल के माध्यम से 60,000 से अधिक सूचनाएं प्राप्त हुई हैं. अकेले रांची से ही 70 सूचनाएं आई हैं.
मादक पदार्थ जांच किट की शीघ्र खरीद के निर्देश : बैठक में जिला उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को मादक पदार्थों की त्वरित जांच हेतु आवश्यक किट-जैसे DD किट, प्रीकर्सर किट, केटामाइन किट-15 दिनों के भीतर खरीदने का निर्देश दिया गया. ये किट प्राथमिक जांच में उपयोगी होती हैं और एफएसएल रिपोर्ट के विलंब की स्थिति में न्यायालय को प्रारंभिक रिपोर्ट सौंपने में सहायक सिद्ध होती हैं.
अन्य अहम मुद्दों पर भी हुई चर्चा : बैठक में अवैध मादक पदार्थों से जुड़े मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए जिलों में स्पेशल कोर्ट के गठन, वित्तीय अन्वेषण और सम्पत्ति ज़ब्ती जैसे मामलों पर भी विचार-विमर्श किया गया.
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी : बैठक में गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल, डीजीपी अनुराग गुप्ता, समाज कल्याण सचिव मनोज कुमार, उत्पाद सचिव अमिताभ कौशल, स्कूली शिक्षा सचिव उमाकांत सिंह सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. सभी जिलों के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक वर्चुअल माध्यम से बैठक में जुड़े थे.