Kiriburu (Shailesh Singh) : गुवा शहीद दिवस के मद्देनजर डीसी कुलदीप चौधरी ने शनिवार को गुवा में पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर जरूरी दिशा-निर्देश दिये. डीसी कुलदीप चौधरी ने कहा कि आठ सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेलीकॉप्टर से दोपहर एक बजे आएंगे. उसके बाद वे सीधे श्रद्धांजलि सभा पहुंचेंगे. श्रद्धांजलि देने के बाद सेल, गुवा के फुटबॉल मैदान में श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करेंगे. मुख्यमंत्री की सुरक्षा को देखते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं, ग्रामीणों की रैली में शामिल गाड़ियों को सभा स्थल से 5 किलोमीटर दूर रोक दिया जाएगा. वहां से उन्हें लाने के लिए जिला प्रशासन ने पांच बसों की व्यवस्था की है. बस से उन्हें श्रद्धांजलि सभा से पहले उतार दिया जाएगा. वहां से वे पैदल ही श्रद्धांजलि देकर सभा स्थल तक पहुंचेंगे.
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कार्यक्रम से एक दिन पूर्व ही पूरे क्षेत्र में अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था की गई है. टाटा स्टील प्रबंधन ने आज से ही अपनी विजय-टू खदान का उत्पादन व माल ढुलाई कार्य को बंद कर दिया है जो कार्यक्रम की समाप्ति के बाद शुरू होगा. सीआरपीएफ, झारखंड पुलिस आदि जवानों को जंगल से लेकर सभी तरफ तैनात कर दिया गया है. उल्लेखनीय है कि 8 सितंबर 1980 को बिहार पुलिस की फायरिंग में 10 आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी. गुवा गोलीकांड में जो आंदोलनकारी शहीद हुए थे उसमें ईश्वर सरदार (कैरोम), रामो लागुरी, चन्दो लागुरी (दोनों चुर्गी), रेंगो सुरीन (कुम्बिया), बागी देवगम, जीतु सुरीन (दोनों जोजोगुटू), चैतन चाम्पिया (बाईहातु), चुड़ी हंसदा (हतनाबुरु), जुरा पूर्ति (बुंडु), गोंडा होनहागा (कोलायबुरु) शामिल हैं. हालांकि शहीदों व घायलों की संख्या काफी थी. लेकिन उस वक्त पुलिस के डर से लोग सामने नहीं आये अर्थात कुछ मृतकों को गांव में दफना दिया गया. जबकि अनेक घायलों ने जंगल व गांवों में छूप कर अपना जख्म देहाती दवाओं से भरने का कार्य किया. गुवा के शहीदों के आश्रितों को सरकार द्वारा नौकरी दे दी गयी है.
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