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किरीबुरु : नोवामुंडी के टाटीबा गांव में हस्तकरघा उद्योग बाजार के अभाव में कभी भी हो सकता है बंद

Kiriburu : नोवामुंडी प्रखंड के टाटीबा गांव के बिरहोर टोला में गैर सरकारी संगठन भारत सेवाश्रम संघ द्वारा संचालित हस्तकरघा उद्योग अब अंतिम सांसें गिन रहा है. यहां बिरहोर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए हस्तकरघा उद्योग शुरू किया गया था. यहां बिरहोर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता था. उल्लेखनीय है कि इस हस्तकरघा केन्द्र का संचालन लगभग 10 वर्ष पूर्व तक भारत सेवाश्रम संघ की देखरेख में बिरहोर महिलाओं की ज्योति कॉलोनी महिला समूह द्वारा किया जाता था. संघ इस उद्योग के लिए बाहर से कच्चा सूत मंगाती थी. इसके बाद बिरहोर समूह की महिलाएं उस सूत से हस्तकरघा से गमछा, लुंगी, चादर आदि तैयार कर संघ को दे देती थी. संघ प्रत्येक उत्पादित सामान के एवज में मेहनताना देती थी, जिससे दर्जनों बिरहोर महिलाओं की जीविका चलती थी. लेकिन जब से संघ यहां से गई है तब से इस केन्द्र की सारी व्यवस्था चरमरा गई है और अब कच्चे माल और उत्पादित सामान के लिए बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

टाटा स्टील लौंग प्रोडक्ट्स के अधिकारियों ने बाजार उपलब्ध कराने का दिया आश्वासन

https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/12/KIRIBURU-HASTKARGHA-11-300x135.jpg"

alt="" width="300" height="135" /> इस कार्य से जुड़ी ज्योति समूह की महिलाओं के अलावे गांव का सबसे शिक्षित दशरथ और विष्णु बिरहोर ने बताया कि इस केन्द्र में 9 हस्तकरघा में छह ठीक हालत में है, जिससे आज भी कपड़े तैयार किे जाते हैं. लेकिन आर्थिक समस्या व बाजार नहीं मिलने की वजह से उत्पादित कपड़ा नहीं बिक रहा है. इससे कच्चा माल नहीं आ पाता है. इन्होंने कहा कि इस उद्योग को जीवित कर बिरहोर महिलाओं को रोजगार से जोड़ने हेतु टाटा स्टील लौंग प्रोडक्ट्स के अधिकारी केन्द्र का निरीक्षण कर प्रोजेक्ट तैयार कर कच्चा माल और बाजार उपलब्ध कराने की बात कही है. अगर वे सहयोग करते हैं तो लगभग 30-40 बिरहोर महिलाओं को रोजगार उपलब्ध हो जाएगा. [wpse_comments_template]

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