पुलिस और प्रशासन से वार्ता के बाद सड़क से हटे ग्रामीण
तीन घंटे जाम रहा छोटानागरा-मनोहरपुर-बड़ाजामदा मुख्य मार्ग
पानी को लेकर छोटानागरा पंचायत के ग्रामीणों ने शुरू किया था आंदोलन
Kiriburu (Shailesh Singh) : पेयजल आपूर्ति व बिजली समस्या को लेकर छोटानागरा पंचायत के ग्रामीणों ने 12 सितंबर की सुबह पांच बजे से बाईहातु चौक के पास अनिश्चितकालिन सड़क जाम कर दिया था. जाम की सूचना मिलते ही वहां पुलिस, प्रशासनिक और विभागीय अधिकारी पहुंचे. उन्होंने आंदोलनकारी ग्रामीणों से वार्ता कर आंदोलन को समाप्त करवाया. ग्रामीणों सुबह आठ बजे सड़क जाम समाप्त कर दिया. सड़क जाम समाप्त होने के बाद बड़ाजामदा-छोटानागरा-मनोहरपुर मुख्य मार्ग पर आवागमन सामान्य हो गई. यह सड़क जाम मुखिया मुन्नी देवगम, सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम, जोजोगुटु मुंडा कानुराम देवगम, छोटानागरा मुंडा बिनोद बारिक, राजाबेड़ा मुंडा जामदेव चाम्पिया, जामकुंडिया मुंडा कुशु देवगम, बाईहातु मुंडा चिंतामणि चाम्पिया, उप मुखिया रमेश हंसदा, सुशेन गोप, मानसिंह चाम्पिया, अमित दास, नीशा व महिला समूह की महिलाएं आदि के संयुक्त नेतृत्व में किया गया था.
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मनोहरपुर के बीडीओ शक्तिकुंज के नेतृत्व में पीएचईडी के जेई व एई सड़क जाम स्थल पर पहुंच ग्रामीणों से बात की. बीडीओ ने कहा कि अब बाईहातु गांव स्थित डब्लूटीपी से नियमित शुद्ध पेयजल आपूर्ति होगी. यहां जो भी समस्या है उसे दूर कर दिया जायेगा. बीडीओ ने राकाडबरा, जोजोपी आदि टोला में अधूरा सोलर चालित जलमीनार को ग्रामीणों साथ देखा और पीएचईडी विभाग के अधिकारियों को जल्द काम पूरा करवा कर पेयजल आपूर्ति प्रारम्भ करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि छोटानागरा ग्वाला बस्ती स्थित उषा पर्व मनाया जाने वाला लगभग 500 मीटर सड़क की पीसीसी ढलाई जल्द करायी जायेगी. आंदोलन में शामिल ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 100 वर्षों से विभिन्न खदानों की लाल मिट्टी, लौह चूर्ण आदि से प्रदूषित होकर पूरी तरह से लाल हो चुकी छोटानागरा पंचायत के गांवों की तमाम प्राकृतिक नदी-नालों का लाल व दूषित पानी ग्रामीण वर्षों से पीकर बीमार होते व मारे जा रहे हैं.
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ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु जिला प्रशासन ने कुछ वर्ष पूर्व लगभग 10-12 करोड़ रुपये की लागत से बाईहातु गांव में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर तथा पानी पाइप लाइन बिछाकर छोटानागरा पंचायत के 10 गांवों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति कर रही थी, लेकिन बारिश के मौसम में इस डब्लूटीपी से पिछले एक महीना से पेयजल आपूर्ति को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था. विभाग व प्रशासन को इसकी निरंतर शिकायत करने के बाद भी चालू नहीं किया जा रहा था, जिस कारण मजबूर होकर सड़क पर उतरना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत तमाम गांवों के ग्रामीणों के घर में पानी के लिए नल का कनेक्शन देना था, लेकिन आज तक नहीं दिया गया. कई गांवों में आज तक इस डब्लूटीपी का पानी नहीं पहुंच रहा है. विभिन्न गांव व उसके टोला में सोलर चालित जलमीनार देकर पेयजल समस्या का समाधान किया जाना था लेकिन वह कार्य भी आज तक पूरा नहीं हुआ. यहां की खदानों से प्रतिवर्ष अरबों रुपये डीएमएफटी फंड व राजस्व सरकार को मिल रहा है.
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