Kiriburu (Shailesh Singh) : झारखंड-ओडिशा सीमावर्ती क्षेत्र में साइबर अपराधी एवं लुटेरा गिरोह गठजोड़ का सक्रिय होना पुलिस-प्रशासन एवं आम जनता के लिये परेशानी का सबब बन गया है. मोबाइल में यूपीआई आईडी अथवा ऑनलाइन पेमेंट से जुड़े एप रखना अब खतरे से खाली नहीं है. इस गिरोह ने 30 जुलाई की रात किरीबुरु थाना क्षेत्र अन्तर्गत टाटीबा गांव में कांडे हेम्ब्रम (30 वर्ष) का अपहरण कर सारंडा व लौहांचल क्षेत्र में अपना पहला निशाना बनाया. इस घटना में उक्त गिरोह के तीन बदमाशों ने कांडे हेम्ब्रम का अपहरण कर लगभग ढाई घंटे तक पास के जंगल में रखा और जमकर पिटाई की थी. इसके बाद उसके मोबाइल से यूपीआई करना चाहा, लेकिन यूपीआई नहीं था.
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बदमाशों ने कांडे के मोबाइल से उसके साथी मोटाय हेम्ब्रम को फोन कर स्वयं को बड़बिल पुलिस का अधिकारी बताया. उन्होंने कहा कि कांडे को जेल भेजने से बचाने के लिए एक नम्बर भेज उस पर 10 हजार रुपये यूपीआई से भेजने को कहा. इसके बाद बदमाशों ने कांडे की मोटरसाइकिल, मोबाइल, दो हजार रुपये व बैग लूटकर फरार हो गये. इस संबंध में किरीबुरु थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है. कांडे सेल अस्पताल में इलाजरत है. लेकिन अपराधी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं. यह संगठित अपराधी गिरोह फिनो पेमेंट्स बैंक में फर्जी खाता के जरिये साइबर ठगी करने का कार्य कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार कांडे हेम्ब्रम की घटना में मोटाय हेम्ब्रम ने अपराधियों के कहने पर जिस नम्बर (8235499356) पर पैसा भेजा था, वह नम्बर नौशाद खान नामक अज्ञात व्यक्ति का बताया जा रहा है. वह फिनो पेमेंट्स बैंक का है.
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नये तरीके से कैसे करते हैं साइबर अपराध
सूत्रों के अनुसार साइबर अपराधी विभिन्न राज्यों, जिला व ग्रामीण क्षेत्रों में आधार से जुड़ी समस्या का समाधान हेतु दुकान खोले हुये हैं. यहां उसके पास मजदूर वर्ग के लोग नया आधार कार्ड बनवाने या गुम हुए आधार कार्ड को बनवाने के लिए आते हैं. वे अपनी दुकान पर आने वाले मजदूरों का आधार कार्ड बनवाने में सहायता करने के बहाने फिनो पेमेंट्स बैंक में खाते खोल देता है. गिरोह के साथ उक्त बैंक के कुछ लोगों से मिले होते हैं. इस कारण इनके पास बैंक से जारी बॉयोमीट्रिक मशीन होती है. जिस पर अंगुली लगाते ही बैंक खाता खुल जाता था. बैंक खाता खोलने के लिए बैंक की तरफ से एक आइडी नंबर जारी होता है, जो इनके पास होता है. आधार कार्ड मालिक को इस फर्जीवाडे़ के बारे में जानकारी तक नहीं होती है और इन खातों को साइबर अपराधी खुद ही चलाते हैं. साइबर अपराधी इस काम के लिए बैंक अधिकारी से दर्जनों ऑनलाइन बैंक खाते की किट ले लेते हैं और बैंक अधिकारी इन खातों की वेरीफिकेशन किए बिना ही इसे चालू कर देता है.
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400 रुपए में खुल जाता है फिनो पेमेंट्स बैंक में खाता
फिनो पेमेंट्स बैंक में खाता खुलवाने के लिए 400 रुपये चुकाने होते हैं. यह राशि साइबर अपराधी अपनी जेब से देते हैं. इसमें से करीब 55 रुपये वापस मिल जाता है. इसके बाद जामताड़ा या अन्य क्षेत्र के साथियों के साथ मिलकर सिम कार्ड लेता है. उसे फर्जी तरीके से सिम कार्ड चालू करवाकर उपलब्ध कराया जाता है. इन नंबरों को फिनो बैंक में खोले खाते के साथ रजिस्टर्ड करवाया जाता है. इसके बाद बैंक से मिले एटीएम किट को कूरियर के जरिये जामताड़ा या अन्यत्र भेजा जाता है. इसके माध्यम से इन खातों से पैसों का लेन-देन होता है.
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