Kiriburu (Shailesh Singh) : गुवा रेलवे साइडिंग के लाइन नंबर 5-6 और बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग की कुछ लाइनों की साफ-सफाई के नाम पर लौह अयस्क की तस्करी बड़े पैमाने पर जारी है. महीनों से बड़ा माफिया गिरोह इसमें सक्रिय है. अब तक अरबो रुपए की लौह अयस्क की तस्करी दोनों रेलवे साइडिंग से हो चुकी है. यह सिलसिला अभी भी जारी है. उल्लेखनीय है कि रेलवे के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक, चक्रधरपुर कार्यालय द्वारा बीते दिनों बिनय कुमार पंकज, निदेशक, एनवाईबी, इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, होल्डिंग नंबर 10 ए, रोड नंबर 1, लक्ष्मीनगर, टेल्को, जमशेदपुर को कोटेशन के आधार पर गुवा यार्ड की लाइन नंबर 5 और 6 के घाट की एक बार सफाई के कार्य के लिए स्वीकृति पत्र दिया गया था. इस कार्य के लिए कुल स्वीकृत दर 2,30,260.23 रुपए हैं. इसमें 18 फीसदी जीएसटी शामिल है. गुवा के अलावे बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग की भी दो लाइन साफ करने की अनुमति रेलवे द्वारा देने की बात कही गई है. दोनों रेलवे साइडिंग से लौह अयस्क व स्पंज आयरन की ढुलाई विभिन्न खदानों, प्लांटों और खनन कंपनियों द्वारा विभिन्न राज्यों में स्थित अलग-अलग स्पंज व स्टील प्लांटों में भेजा जाता है. खदानों व क्रशर से रेलवे साइडिंग में आने वाली लौह अयस्क गिर कर एक बड़ा भंडार होकर साइडिंग की गहराई भर चुकी थी. इसी पर माफिया की गिद्ध दृष्टि वर्षों से थी. इसे रेलवे ट्रैक अथवा लाइन की साफ-सफाई के नाम पर बड़ा खेला किया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : सास-ससुर की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी से मिले परिजन
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार यह काम मई में शुरू होना था, लेकिन जुलाई में शुरू किया गया. गुवा साइडिंग की लाइन खुदाई में हजारों टन लौह अयस्क जिसका ग्रेड 58-60 के आसपास था, उसे उठा कर बेच दिया गया है. इसी तरह बड़ाजामदा रेलवे साइडिंग की लाइन सफाई के नाम पर भी अब तक हजारों टन लौह अयस्क जिसका ग्रेड 55-58 के आसपास था, उसे बेचा गया है. सूत्र बताते हैं कि लगभग तीन फीट के आसपास गड्ढा खोदना चाहिए था. लेकिन जमीन के अंदर क्रसिंग साइज ओर लौह अयस्क का भारी भंडार मिलने की वजह से लगभग 7 फीट तक गहरी खुदाई कर अयस्क का उठाव किया गया है. अभी 4-5 दिन से काम रोका गया है, लेकिन पुनः काम चलेगा. रेलवे साइडिंग से लौह अयस्क उठाकर विभिन्न प्लॉट पर अवैध तरीके से भंडारण किया जाता रहा है. यहां का हजारों टन लौह अयस्क रामगढ़, गिरिडीह, दुर्गापुर, वाईजाग, खड़गपुर आदि शहरों के प्लांटों में जा रहा है.
इसे भी पढ़ें : पहली पत्नी के रहते रणधीर ने कर ली दूसरी शादी, कोर्ट ने दी दस साल की सजा
खेल में शामिल हैं बड़े-बड़े लोग
माफिया द्वारा कहा जाता है कि रेलवे साइडिंग की लाइन किनारे जमा लौह अयस्क का रॉयल्टी सरकार को पहले विभिन्न खदान प्रबंधनों द्वारा दिया जा चुका है. खदान से जो भी अयस्क साइडिंग थी उसकी रॉयल्टी सरकार को देकर ही आती थी. जो अयस्क लोड होकर बच गया, वह यहां पड़ा है और यह रेलवे का है. रेलवे का ट्रैक जाम हो रहा है, जिस कारण रेलवे साफ करवा रही है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस बाबत रेलवे ने भी खनन विभाग को पत्र लिखा है. दूसरी ओर माफिया द्वारा ये बातें कही जा रही है कि इस लौह अयस्क का उठाव हेतु जिला खनन विभाग ने लगभग ढाई हजार टन का माइनिंग चालान भी दिया है. ऐसी स्थिति में साफ है कि माफिया, रेलवे व खनन विभाग का बड़ा गंठजोड़ अवैध लौह अयस्क का बड़ा खेला कर दिया है. यह उच्च स्तरीय जांच से सामने आएगा. अगर अयस्क की रॉयल्टी खदान प्रबंधन सरकार को दे चुकी हैं और हजारों-लाखों टन अयस्क रेलवे साइडिंग में दबा पड़ा हुआ है, तो उस अयस्क का मालिक कौन होगा! यह बड़ा सवाल है जिसका जवाब सरकार, रेलवे व खनन विभाग को देना होगा. इस बड़े खेल में बडे़-बडे़ लोग शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें : JSSC ऑफिस के बाहर जुटे काफी संख्या में अभ्यर्थी, CGL परीक्षा रद्द करने कर रहे मांग
क्या है रेलवे का निर्देश
रेलवे द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार गुवा रेलवे साइडिंग में स्वीकृत ड्राइंग के अनुसार उत्खनन में मिट्टी का कार्य तथा रेलवे भूमि के अंदर तटबंध स्थल या खराब ढेर पर डंपिंग जिसमें 50 मीटर लीड तथा 1.5 मीटर लिफ्ट शामिल है. लीड को उत्खनन के गुरुत्वाकर्षण केंद्र से खराब ढेर के गुरुत्वाकर्षण केंद्र तक मापा जाएगा, लिफ्ट को प्राकृतिक भूमि स्तर से मापा जाएगा तथा सभी प्रकार की मिट्टी में विनिर्देशों के अनुसार, आकस्मिक कार्य सहित, 1.5 मीटर प्रत्येक परत में भुगतान किया जाएगा. कुल मात्रा-1318.59 घन मीटर होगा. इसके अलावे लीडिंग गिट्टी, कंकड़, ईंटें, पत्थर के टुकड़े, सिंगल, पत्थर के बोल्डर, ब्लॉक कंकड़, पिचिंग स्टोन, मलबे के पत्थर, लेटराइट, कोयला, सुर्खी, सूखा मोर्टार, रेतीली मुरुम, मिट्टी, खाद या कीचड़, राख, चूना, मलबा, गंदगी, मलबा आदि 25 किलोमीटर तक लीड के लिए. इस मद के अंतर्गत लीड का भुगतान तब किया जाएगा जब यह 500 मीटर से अधिक हो. इसकी भी कुल मात्रा-1318.59 घन मीटर निर्धारित है.
इसे भी पढ़ें : अमेरिका : तूफान हेलेन का कहर, 93 लोगों की मौत, लाखों लोग बिना बिजली रहने को विवश
Leave a Reply