Ranchi: देश में इन दिनों बर्ड फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. राजस्थान, केरल, मध्यप्रदेश और हिमाचलप्रदेश में बर्ड फ्लू से कई पक्षी मर चूके हैं. झारखंड के जमशेदपुर में भी बुधवार को कौओ की मौत हुई है. इससे राज्य में पक्षियों पर संकट गहराने लगा है. हालांकि उन कौओ में बर्ड फ्लू की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है. फिर भी कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने राज्य में हाई अलर्ट जारी कर दिया है. बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए पशुपालन निदेशालय ने लोगों को जागरुक करने और इसकी रोक-थाम के लिए गाइडलाइंन जारी किए हैं.
बर्ड फ्लू है जानलेवा
निदेशायल ने मूर्गी, बत्तख और अन्य पक्षियों में होने वाले बर्ड फ्लू को जानलेवा बीमारी बताई है. उनके अनुसार यह वायरस एक जूओनॉटिक रोग है. यह पक्षियों से मनुष्यों में भी फैल सकता है. इसलिए जरुरी है कि हम सतर्क रहें. इसके लिए निदेशालय ने मुर्गियों में इसके लक्ष्ण और रोकने के उपाय बताये हैं. यह मनुष्यों में कैसे फैलता है, इस बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है.
अगर किसी भी व्यक्ति को बर्ड फ्लू के जुड़ी कोई भी जानकारी चाहिए हो तो वे पशु स्वास्थ्य एंव उत्पादन संस्थान के नोडल पदाधिकारी डॉ आलोक कुमार सिंह (9835152390) से संपर्क कर सकते हैं.
मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण –
– कलगी फूल जाना
– कलगी, बाली और पैरों का रंग नीला पड़ जाना
– नाक से पानी आना
– पतला दस्त होना
– सांस लेने में तकलीफ होना
– चलने में लड़खड़ाना
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बर्ड फ्लू को रोकने के उपाय
– मृत पक्षियों को देखने पर उसे न छुएं और न ही नजदीक जाएं.
– नजदीकी पशुपालन विभाग को मृत पक्षियों के बारे में सूचित करें.
– आस-पास रहने वाले व्यक्ति मास्क पहन लें.
– मुर्गी फार्म में आचनक मुर्गियों की मृत्यु हो जाती है तो मुर्गीपालक उसे छुए नहीं. मास्क और ग्लब्स का उपयोग करें और तुरंत पशुपालन विभाग या पशुचिकित्सक से संपर्क करें.
– जब तक मुर्गी फार्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि न हो जाए मुर्गी पालक घबराए नहीं.
जानिए किस तरह पक्षियों या मुर्गियों से इंसानों में फैल सकता है बर्ड फ्लू –
बर्ड फ्लू भी खतरनाक है. कोरोना वायरस की तरह ही इंसानों के फेफड़ों पर हमला करता है. यह आंख, नाक या मुंह के जरिए इंसान के शरीर में प्रवेश करता है. उन्हें संक्रमित करता है.
बर्ड फ्लू तीन तरीकों से इंसानों में फैल सकता है.
– डायरेक्ट कॉन्टैक्ट – संक्रमति पक्षी को छुने के बाद आंख, नाक या मुंह छुने से इंसानों में फैल सकता है.
– संक्रमित पक्षियों से – पक्षियों के मलमूत्र, पंख आदि छुने से भी यह फैल सकता है.
– हवा से भी फैल सकता है वायरस – संक्रमित पक्षियों के पंख फड़फड़ाने, खुजली करने या गर्दन झटकने से यह वायरस हवा में फैल सकता है. जिससे यह इंसानों के नाक, मुंह या आंखों के जरिए इंसानों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है.
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