Ranchi: झामुमो के बाद कांग्रेस ने भी ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव का विरोध किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ भाजपा का चुनावी मुद्दा है. लोगों का ध्यान भटकाने के लिए यह चुनावी मुद्दा है. कोविंद कमेटी की रिपोर्ट रिपोर्ट, सिंह और मिश्रा के पेपर के दावे, पूरे तरह से संदिग्ध हैं. उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने पर देश की जीडीपी में वृद्धि होगी, सरकारी खर्च की गुणवत्ता बढ़ेगी, अपराध कम होंगे, शैक्षणिक परिणाम बेहतर होंगे, ये सारे दावे संदिग्ध हैं. क्योंकि यह केवल छह राज्य कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, हरियाणा, झारखंड और ओडिशा के अध्ययन पर आधारित हैं.
जीडीपी वृद्धि को प्रभावित करने का दावा गलत
कमलेश ने कहा कि सिंह और मिश्रा के पेपर का दावा है कि विभिन्न चुनावों के बाद आर्थिक विकास दर में अंतर राज्य की जीडीपी वृद्धि को प्रभावित करता है. लेकिन यह तर्कसंगत नहीं है, क्योंकि कई कारक जीडीपी वृद्धि को प्रभावित करते हैं. लेखक सिंह और मिश्रा खुद कहते हैं कि उनके निष्कर्ष अन्य राज्यों या अवधि पर लागू नहीं हो सकते, इसलिए इन अस्थायी निष्कर्षों पर नीति बनाना अनुचित है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने हमारा देश में पंचायती राज है. मुखिया, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद, पार्षद, सभी का चुनाव एक साथ कराना संभव नहीं है. यह संविधान और लोकतंत्र के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस की यही मानसिकता रही है कि किसी भी तरह से संविधान एवं आरक्षण को खत्म कर दें.
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