Dhanbad: जिले के विभिन्न आउटसोर्सिंग में स्थानीय थानाें की मिलीभगत से अवैध कोयले का कारोबार धड़ल्ले से जारी है. कोयला तस्कर बेखौफ होकर दिन के उजाले में भी अवैध कोयले की खुदाई और ढुलाई करते हैं. जबकि एसएसपी ने सभी थाने को सख्त निर्देश दिया है कि अवैध खनन किसी भी हाल में नहीं होनी चाहिए. जाहिर है उनके आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है.
बता दें कि धनबाद के निरसा, बाघमारा और झरिया में चलाये जा रहे विभिन्न आउटसोर्सिंग माइनस से ही अवैध कोयले कि खुदाई होती है. इसमें आउटसोर्सिंग के अधिकारी और स्थानीय थाना की भी मिलीभगत होती है. कोयला माफिया बेखोफ होकर दिन के उजाले में कोयले की खुदाई करते है. फिर रात में ट्रक द्वारा अवैध कोयले को बाहर भेज देते है.
कोयला माफिया अवैध कोयले की तस्करी पंचेत, कालूबथान, बलियापुर और सुदामडीह स्थित नदी के रास्ते नाव से या ट्यूब के जरिये भी करते है. वहां से इसे बंगाल भेजा जाता है. नदी के पास कोयले को स्कूटर, बाइक और साइकिल के जरिये आगे भेजा जाता है.
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इस मामले में लगातार न्यूज के संवाददाता ने जब संबंधित थाना प्रभारी से पूछा तो प्रभारी ने कहा कि वे वरीय अधिकारी से यह सवाल पूछें तो बेहतर होगा. इस मामले में हमें कोई जानकारी नही है. तो सवाल उठता है कि क्या वरीय अधिकारी के निर्देश पर ही अवैध कोयले की तस्करी हो रही है?
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तस्करों के खिलाफ की जा रही छापेमारी
प्रभारी द्वारा दिये गए जवाब के बाद लगातार न्यूज के संवाददाता ने धनबाद एसएसपी असीम विक्रांत से बात की तो उन्होंने कहा कि धनबाद जिले में अवैध कोयले की तस्करी किसी हाल में नहीं होने दिया जाएगा. यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि कोयला तस्करों के खिलाफ लगातार छापेमारी और सख्त कार्रवाई की जा रही है.
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ढिलाई बरतने पर कार्रवाई
कहा कि अवैध कोयले की ढुलाई में किसी भी प्रकार की ढिलाई नही बरती जाएगी. यदि कोयला तस्करों पर कार्रवाई के दौरान थाना प्रभारी द्वारा ढिलाई बरती जाती है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.
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अब सवाल यह उठता है कि आखिर क्यों नही करते हैं थाना प्रभारी वरीय अधिकारी के निर्देश का पालन. इतने बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध खनन में अगर किसी की जान जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? इस पर प्रशासन को गंभीर होने की जरूरत है ताकि अवैध कोयला तस्करी को रोका जा सके.
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