NewDelhi : नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी ने आरजेडी प्रमुख लालू यादव की तीसरी बेटी चंदा यादव से ईडी पूछताछ कर रही है. ईडी की टीम ने गुरुवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अपना बयान दर्ज कराया. इससे पहले बुधवार को ईडी ने लालू यादव की बेटी रागिनी यादव और मीसा भारती से पूछताछ की थी. साथ ही दोनों का बयान दर्ज किया था. बता दें कि लालू प्रसाद के नौ बच्चों में से अभी तक चार बच्चों का ईडी बयान दर्ज कर चुकी है. (पढ़ें, नीतीश कुमार बिहार नहीं संभाल पा रहे, देश का नेतृत्व कैसे करेंगे- सुशील कुमार मोदी)
तेजस्वी यादव का बयान पहले ही दर्ज कर चुकी है ईडी
लालू के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सोमवार को ईडी ने 9 घंटे तक पूछताछ की थी. पीएमएलए के तहत ईडी ने तेजस्वी यादव का भी बयान दर्ज किया था. इस मामले में ईडी ने 25 मार्च को सांसद मीसा भारती से भी पूछताछ की थी. इसी दिन तेजस्वी सीबीआई के सामने पेश हुए थे. एजेंसी ने मार्च में चंदा यादव, रागिनी यादव, हेमा यादव और पूर्व राजद विधायक अबू दोजाना के पटना, फुलवारी शरीफ, दिल्ली-एनसीआर, रांची और मुंबई स्थित परिसरों पर छापेमारी भी की थी.
सीबीआई ने भी लालू प्रयादव और राबड़ी देवी से की थी पूछताछ
बता दें कि ईडी और सीबीआई दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने हाल ही में मामले में कार्रवाई शुरू की है. सीबीआई ने लालू प्रसाद और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पूछताछ की थी, जबकि ईडी ने राजद प्रमुख के परिवार के खिलाफ जांच के सिलसिले में कई स्थानों पर छापेमारी की थी.
इसे भी पढ़ें : जीतनराम मांझी ने की अमित शाह से मुलाकात, बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी
लालू ने रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लिखवा लीं जमीन
सीबीआई का आरोप है कि 2004 से 2009 के दौरान लालू यादव के रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले कथित जमीन घोटाला हुआ था. इस दौरान लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को ग्रुप डी में चुपके से नौकरी दी और उनसे अपने परिवार के लोगों के नाम पटना में जमीनें लिखवा लीं. सीबीआई का दावा है कि लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम प्लॉट्स की रजिस्ट्री करायी गयी और जमीन की मामूली कीमत नकद में चुकायी गयी. उधर रेलवे में जिन पदों पर भर्ती हुई, उसका न तो विज्ञापन निकाला गया और न ही सेंट्रल रेलवे को सूचना दी गयी. आवेदन देने के 3 दिन के अंदर नौकरी दे दी गयी.