Ranchi : वाम दलों ने मोदी सरकार के खिलाफ जन गोलाबंदी की देशव्यापी अभियान शुरू करने की घोषणा किया है. केंद्र सरकार के द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को बेचने, राष्ट्रीय कृत बैंकों को विखंडित कर उसे अपने चहेतों के हवाले करने, देश की अर्थव्यवस्था की रीढ भारतीय जीवन बीमा निगम को समाप्त करने की साजिश, रक्षा, रेलवे, कोयला, पेट्रोलियम, इस्पात, भारी अभियंत्रण, खनन, नेशनल हाइवे, दूरसंचार हवाई अड्डा, बंदरगाह समेत तमाम रणनीतिक उद्यमों, उद्योगों,संस्थानों को देशी विदेशी पूंजीपतियों के हाथों कौड़ी के मोल पर उन्हें सौंपे जाने के विरोध में आंदोलन की घोषणा किया है.
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वाम मजदूर संगठनों ने हड़ताल पर जाने का लिया निर्णय
वामदल मजदूर वर्ग के इस संघर्ष के साथ अपनी पुरी एकजुटता का प्रदर्शित करते हुए संयुक्त ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल और 27 नवंबर को किसानों की देशव्यापी जन कार्रवाईयों का समर्थन करने का निर्णय लिया है. वामदलों ने राज्य की जनता से यह भी अपील किया है कि सभी जगह शारीरिक दूरी और स्वास्थ्य मंत्रालय के एडवाइजरी का सख्ती से पालन करते हुए संडकों पर उतर कर केंद्र और अधिकांश राज्य सरकारों द्वारा कोरोना महामारी की आड़ मे मजदूर वर्ग और किसानों के अधिकारों पर किए जा रहे निर्मम हमलों का प्रतिरोध करें.
सीपीआई कार्यालय में हुई वाम दलों की बैठक
वामदलों की बैठक की अध्यक्षता सीपीआई के राज्य सचिव और पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने की. बैठक मे सीपीएम के राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव, विरेंद्र कुमार, भाकपा के सहायक सचिव महेंद्र पाठक, बीएन ओहदार, शशी कुमार, अजय सिंह, इन्द्रमनी देवी, भाकपा माले के भुवनेश्वर केवट मौजूद थे. मासस के राज्य सचिव आनंद महतो ने वामदलों के फैसले से सहमति व्यक्त की क्योंकि वह बैठक में शामिल नहीं हो सके थे.