चुनावी चकल्लस
Sanjay singh
पलामू में भले ही गरीबी हो. सूखा पड़ता हो, बेरोजगारी और पलायन चरम पर हो, लेकिन इससे किसी को कोई मतलब नहीं. यहां तो राजनीति उफान पर रहती है. सुखाड़, बेरोजगारी, पलायन का गीत गुनगुना कर यहां राजनीति चमकानेवाले नेताजी लोगों की कमी नहीं है. अब पलामू के धनाढ्य परिवारों में से एक की मैडम जी को चुनावी चकल्लस का चस्का लगा है. मैडम जी कभी पलामू की पहले मैडम हुआ करती थीं. मान-सम्मान मिलने लगा, तो राजनीति का चस्का भी लग गया.
अब मैडम जी पूरे डालटनगंज इलाके में घूमरी चकिय्या लगा रही हैं. लोगों से मिल रही हैं, समस्याएं सुन रही हैं, लेकिन सुलझा नहीं पाने का मलाल है. कहती हैं, हमरो पैरवा में आपलोग विधायक वाला घुंघरू पहिरा दीजिए, फिर देखिए मेरी चाल ही बदल जाएगी. फिर तो आप लोगन को कोनो चिंता ही न करे पड़ेगा. दनादन आपलोगन का काम होगा.
का मैडम जी, सगरो घूम रहे हैं, कोन पार्टिया से टिकटवा मिलेगा…
मैडम जी वइसे तो बह्म कमल ही खिलावे के चक्कर में लगल हैं. गेटिंग-सेटिंग भी करे में तनिको नहीं पिछुवा रही हैं. नदी ई पार से ऊ पार कईले हैं. सतबरवा से लेकर बीस फुट्टा तक मैडम जी सगरो छिछिया रही हैं, लोगन को पटिया रही हैं. एगो बुजुर्ग बाबा (पंडितजी) मैडम जी से पूछ बइठते हैं- का मैडम जी, सगरो घूम रहे हैं, कोन पार्टिया से टिकटवा मिलेगा. पहिले पार्टी का टिकटवा फिट कर लीजिए, तब न. मैडम जी कहती हैं-आपलोग साथे रहिए न, कमल तो झटकिए लाएंगे. हमरो कुछ सेटिंग है न. ऊपरेवाला लोग भी हमको और हमरा फेमिली को जानता है. जुगाड़ तो लगिए जाएगा.
एक बार खाली मौका मिले दीजिए, गर्दा उड़ा देंगे
एक बार खाली मौका मिले दीजिए, गर्दा उड़ा देंगे. पंडित जी गौर से उनकी बात सुनते हैं, फिर पूछ बइठते है-ए मैडम ई सब तो ठीक है, लेकिन नदिया के उ पारवाले भइया जी का आखिर का होगा. ऊ कोनो कच्चा गोली थोड़े न खेलले हैं. उहो तो दु बेर से मजा मारले हैं, तो एतना आसानी से छोड़ेवाला नइखन न. रउरा तो उनको जोगाड़ लगावे पड़ी. मैडम जी थोड़ा झेंप जाती हैं, कहती हैं, उ सब तो सलटिए लिया जाएगा. ओकरा में कोई दिक्कत थोड़े न है.
मैडम जी को भरोसा है कि रघु कृपा बरस ही सकती है
मैडम जी सूर्य की माफिक तेज लिये शंकर जी के साथे-साथे रखले हैं. मैडम जी को भरोसा है कि जइसे नगर निगम के माफिक अबरियो टिकटवा लहाइए लेंगे. कोनो कंपीटिशन थोड़े न है. वइसे भी पूर्व में कमल ब्रांड के एगो फायरब्रांड नेताजी का आशीर्वाद उनको मिलबे करेगा. लेकिन अबरी ऊ नेताजी के चलेगा कि न चलेगा, ई में सस्पेंस है. ऊ नेताजी तो अब संविधानिक पद पर चल गए हैं, लेकिन मैडम जी को भरोसा है कि रघु कृपा बरस ही सकती है. मैडम जी फिलहाल लोगन के बीच जा रही हैं और गीत गा रही हैं-मेरे पैरों में घुंघरू बंधा दे, तो फिर मेरी….
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