Ranchi: लगभग 13 करोड रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी मनोज सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने मनोज की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए बेल को मंजूरी दे दी है. झारखण्ड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट में जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. ईडी की विशेष न्यायालय द्वारा जमानत याचिका ख़ारिज किये जाने के बाद मनोज कुमार ने झारखंड हाईकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल कर बेल के लिए गुहार लगाई थी.
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बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में फरार चल रहे आजसू सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के पूर्व निजी सचिव मनोज ने पिछले वर्ष ईडी की स्पेशल कोर्ट में सरेंडर किया था. लगभग 13 करोड रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के मामले मे मनोज के अलावा उनके दोनों भाई सुबोध सिंह व सुजीत सिंह भी आरोपी हैं. आरोपों के मुताबिक पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के निजी सचिव रहने के दौरान मनोज की संपत्ति में करोडों रुपये की वृद्धि हुई थी.
9 अक्टूबर 2006 से 23 अगस्त 2008 के बीच मनोज सिंह के बैंक खाते में 12 करोड़ 54 लाख 23 हजार 337 रुपये का फिक्स डिपोजिट किया गया था. वहीं बचत खाता में 23 लाख 77 हजार 977 रुपया जमा पाए गए. जबकि मंत्री के पीए रहने के दौरान उन्हें प्रतिमाह 48 हजार 924 रुपये ही वेतन के रूप में मिलता था. पूरा मामला सामने आने के बाद 2 दिसंबर 2009 को एसीबी ने इस प्रकरण में प्राथमिकी दर्ज की थी. बाद में इस केस को ईडी ने टेकओवर कर लिया था. फिलहाल मामला अदालत के समक्ष लंबित है.
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