Saurav Singh
- माओवादियों ने देश में अपनी कमेटियों को किया भंग
Ranchi : झारखंड में भाकपा माओवादी कमजोर हो गये हैं. इसके बावजूद वो वजूद की लड़ाई लड़ रहे हैं. हाल के दिनों में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में झारखंड में माओवादियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है. पिछले 59 महीने (चार साल 11 महीने) की बात करें तो राज्य के अलग-अलग जिलों में भाकपा माओवादी संगठन और छोटे-छोटे उग्रवादी संगठन से जुड़े कुल 64 नक्सली मारे गये. इस दौरान 620 बड़े नक्सली गिरफ्तार भी हुए. नक्सलियों के साथ इस लड़ाई में सुरक्षाबलों को भी नुकसान उठाना पड़ा है. इन चार साल 11 महीने में नक्सलियों के साथ हुए मुठभेड़ में 18 जवान भी शहीद हुए.
झारखंड के पांच जिले सिर्फ नक्सल प्रभावित
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, गिरिडीह, गुमला, लातेहार और लोहरदगा माओवाद प्रभावित जिले हैं. इनमें पश्चिमी सिंहभूम को अति माओवाद प्रभावित जिले की सूची में रखा गया है. जबकि शेष चार नक्सल प्रभाव वाले जिले गिरिडीह, गुमला, लातेहार व लोहरदगा डिस्ट्रिक्ट आफ कंर्सन (डीओसी) की सूची में हैं.
झारखंड में सिर्फ 11 नक्सलियों का दस्ता सक्रिय :
- – चाईबासा जिले के जराइकेला और टोंटो थाना क्षेत्र में मिसिर बेसरा, पतिराम मांझी, सिंगरई, अजय महतो का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 65 नक्सली कैडर शामिल हैं.
- – चाईबासा जिले के गोइल केरा और सोनूवा थाना क्षेत्र में मेहनत और अमित मुंडा का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 30 नक्सली कैडर शामिल हैं.
- – बोकारो जिले के जागेश्वर बिहार थाना क्षेत्र में विवेक और रघुनाथ का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में 23 नक्सली कैडर शामिल हैं.
- – लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में रविंद्र गंझू का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में पांच नक्सली कैडर शामिल हैं.
- – चतरा जिले के लावालौंग थाना क्षेत्र में मनोहर गंझू का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में तीन नक्सली कैडर शामिल हैं.
- – पलामू जिले के मोहम्मदगंज और हैदरनगर थाना क्षेत्र में नितेश यादव का दस्ता सक्रिय है. इस दस्ते में छह नक्सली कैडर शामिल हैं.
माओवादियों ने देश में अपनी कमेटियों को किया भंग
इधर भाकपा माओवादी संगठन ने पूरे देश में अपनी कमेटियों को भंग कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, माओवादियों ने छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना, बिहार और झारखंड में सेंट्रल कमेटी, रीजनल समिति, जोनल कमेटी, सब जोनल व एरिया कमेटी को भंग किया है. माओवादियों ने खुद को रिट्रीट करने के लिए सभी कमेटी को भंग किया है. सभी माओवादी कमांडरों को भूमिगत होने को कहा गया है. माओवादियों के पीपुल्स लिबरेशन ऑफ गोरिल्ला आर्मी को डिसेंट्रलाइज्ड होने को कहा गया है. गोरिल्ला आर्मी के कमांडरों को छोटे-छोटे ग्रुप बनाने और बड़ी गतिविधि के लिए ही जमा होने का निर्देश दिया गया है.