Ranchi: भाकपा माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि मासस का भाकपा माले में पूर्ण विलय संपन्न हो गया है. इस प्रक्रिया के तहत मासस के पांच नेताओं को केंद्रीय कमेटी में शामिल किया गया है, जिनमें आनंद महतो, हलधर महतो, अरूप चटर्जी, आरडी मांझी, और आमंत्रित सदस्य निताई महतो शामिल हैं. यह विलय प्रक्रिया ऐतिहासिक महत्व का है. यह झारखंड के साथ-साथ देश की राजनीति को जन आधारित मुद्दों पर संघर्ष को तेज करेगा. महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने आगामी जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में इंडिया गठबंधन के सहयोगियों का समर्थन करने की बात की और झारखंड विधानसभा में इंडिया गठबंधन के साथ मजबूत दावेदारी के साथ चुनाव लड़ने का संकेत दिया. मजदूर आंदोलन और झारखंड आंदोलन का केंद्र छोटानागपुर रहा है, और भाकपा माले और मासस का आंदोलन भी मजबूत रहा है. पलामू प्रमंडल में भी पार्टी का जनाधार मजबूत है, इसलिए पार्टी यहां भी मजबूत दावेदारी पेश करेगी और भाजपा को झारखंड से बेदखल करेगी. वे रांची में आयोजित प्रेस कांफ्रेस में बोल रहे थे.
झारखंड में निजीकरण और रोजगार संकट पर जताई चिंता
दीपांकर भट्टाचार्य ने झारखंड में निजीकरण और रोजगार संकट के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि निजीकरण की वजह से आम लोगों की समस्याएं बढ़ रही हैं और रोजगार के लिए स्थायी समाधान नहीं मिल पा रहा है. केंद्र की भाजपा सरकार झारखंड की खनिज-संपदा और जल-जंगल-जमीन पर एकाधिकार जमाना चाह रही है, जिससे अशिक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, और पलायन की समस्याएं बढ़ेंगी. झारखंड की गठबंधन सरकार को विभिन्न केंद्रीय जांच एजेंसियों और राज्यपाल के माध्यम से शासन-प्रशासन को अस्थिर करने की लगातार कोशिश की जा रही है. इसके परिणामस्वरूप आरएसएस के माध्यम से धार्मिक उन्माद फैलाया जा रहा है, जिसका दुष्परिणाम कुछ स्थानों पर देखा गया है.
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