Ranchi : झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 से 22 दिसंबर तक होगा. इसे लेकर बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक अलग-अलग बैठक करेंगे. इससे पहले मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने सभी विधायकों से आग्रह है कि वे सदन में अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज कराएं. प्रश्नकाल को चलने दें, क्योंकि इससे जनहित के मुद्दे सदन में सही तरीके से नहीं आ पाते हैं. विधानसभा अध्यक्ष मंगलवार को सभी दलों के नेताओं के साथ कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता कर रहे थे. बैठक में प्रदेश भाजपा को छोड़ जेएमएम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आरजेडी से मंत्री सत्यानंद भोक्ता, कांग्रेस के विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव, वाम दल के विनोद सिंह, एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह उपस्थित थे.
जनहित के मुद्दे वाले विधेयकों को ससमय विधानसभा को उपलब्ध कराएं अधिकारी
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र में जितने विधायक आएंगे, उसे इस अल्पकालीन समय के सत्र में शामिल किया जाएगा. ऐसा करने के पीछे का उद्देश्य है कि राज्य हित में अधिक से अधिक कार्यों को अंजाम दिया जाये. आज ही सभी विभागों के सचिवों के साथ बैठक बुलायी गयी है. सचिवों को पहले ही निर्देश दिया गया है कि जनहित के मुद्दे वाले विधेयकों को ससमय विधानसभा को उपलब्ध कराएं.
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अध्यक्ष का सदस्यों से आग्रह, प्रश्नकाल को बाधित ना करें
प्रश्न काल के पिछले सत्रों के लगातार बाधित होने के सवाल पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सभी सदस्यों से उनका आग्रह है कि वे प्रश्न काल को बाधित नहीं करें. क्योंकि इसमें जनहित के मुद्दे नहीं आ पाते हैं. इसी तरह सत्र में सभी सदस्य अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराएं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बीते दिनों इस बारे में चिंता जता चुके हैं. अगर जनता ने किसी को चुन कर सदन भेजा है, तो जनता के सवाल को बाधित नहीं करें.
बता दें कि कार्य मंत्रणा समिति सरकारी विधेयकों, गैर-सरकारी विधेयकों और संकल्पों के प्रक्रमों पर चर्चा करने के लिए समय के आवंटन के संबंध में भी सिफारिश करती है. समिति को प्रस्तावित समय-सारणी में यह दर्शाने की शक्ति भी प्राप्त है कि विधेयक के विभिन्न प्रक्रम या अन्य कार्य किस-किस समय पूरे किए जाएंगे. समिति ऐसे अन्य कार्य भी करती है जो उसे अध्यक्ष द्वारा समय-समय पर सौंपे जाते हैं.
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