NewDelhi : पिछले 10 सालों से सोनिया गांधी से मुलाकात नहीं हुई, राहुल गांधी से मिलने का मौका नहीं मिला और प्रियंका गांधी से फोन पर बातचीत होती है. अगर 2012 में प्रणब मुखर्जी को प्रधानमंत्री बनाया गया होता, तो 2014 की हार शायद इतनी शर्मनाक नहीं होती. मनमोहन सिंह की जगह पर राष्ट्रपति का पदभार संभालने से प्रणब मुखर्जी की ऊर्जा और करिश्माई नेतृत्व कांग्रेस पार्टी और सरकार दोनों के लिए सकारात्मक साबित हो सकता था. यह विचार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर के हैं, बता दें कि श्री अय्यर ने एक नयी किताब लिखी है ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स… इस किताब में इव बातों का उल्लेख किया गया है. किताब में उन्होंने अपनी राजनीतिक जीवन से जुड़े मामलों का विस्तार से जिक्र किया है.
EXCLUSIVE | VIDEO: “For 10 years, I was not given an opportunity to meet Sonia Gandhi one-on-one. I was not given an opportunity, except once, of spending any meaningful time with Rahul Gandhi. And I have not spent time with Priyanka except on one occasion, no, two occasions. She… pic.twitter.com/A40wVsV0vd
— Press Trust of India (@PTI_News) December 15, 2024
VIDEO | “Mani Shankar Aiyar is a very senior political person and a Congress leader who has been in Parliament for several decades… His comments are rather revealing. They confirm that in the Congress party, there is no focus on the hardwork and loyalty of any worker of the… pic.twitter.com/mJQGFxtjMW
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अय्यर ने कहा, उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत गांधी परिवार से हुई
ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स पर चर्चा करते हुए अय्यर ने कहा, उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत गांधी परिवार से हुई और खात्मा भी उन्हीं के द्वारा हुआ. बताया कि पिछले 10 सालों से सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात नहीं हुई, राहुल गांधी से नहीं मिला. कहा कि प्रियंका गांधी से फोन पर बातचीत होती है. मणिशंकर अय्यर ने पीटीआई को दिये इंटरव्यू में कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ अपने व्यक्तिगत और राजनीतिक अनुभव साझा किये.
पत्नी ने टेलीविजन के सामने अपनी निराशा जताई थी कि आज कोई घोटाला नहीं हुआ
बता दें कि उनकी किताब ए मैवरिक इन पॉलिटिक्स… जगरनॉट द्वारा प्रकाश की जायेगी अय्यर ने किताब में अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों की चर्चा की है. नरसिम्हा राव के समय, यूपीए वन में मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल और उसके बाद के पतन के कारणों का जिक्र किया है. यूपीए II के पतन की यादें किताब में दर्ज हैं. जब उनकी पत्नी ने टेलीविजन के सामने यह कह कर अपनी निराशा जताई थी कि आज कोई घोटाला नहीं हुआ अय्यर ने 2014 के आम चुनावों में मोदी का उदय कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का जिक्र करते हुए कहा, 1984 में 404 सीटों से 2014 में 44 सीटों पर गिरने तक कांग्रेस का प्रदर्शन दुखद और निराशाजनक रहा.
कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ कई आरोप लगाये गये, जो कभी साबित नहीं हो पाये
अय्यर ने पीटीआई से बातचीत के क्रम में माना कि अगर 2012 में प्रणब मुखर्जी को पीएम बना दिया गया होता, तो 2014 की हार शायद इतनी शर्मनाक नहीं होती. उन्होंने कहा कि 2013 में कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ कई आरोप लगाये गये, जो कभी साबित नहीं हो पाये कहा कि सरकार और पार्टी मीडिया के सवालों का सही ढंग से जवाब नहीं दे पायी. कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला और अन्ना हजारे के नेतृत्व में ‘इडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि इन कारणों से सरकार(य़ूपीए) की चुनावी संभावनाओं पर संकट छा गया. साथ ही अय्यर ने पहले रामलीला मैदान में अन्ना हजारे को अनशन करने की इजाजत न देने और बाद में उन्हें इजाजत देने की घटना को गलत कदम करार दिया 2014 में चुनावों में हार, गांधी परिवार द्वारा उनके(अय्यर) राजनीतिक करियर के खात्मे का जिक्र करते हुए कहा, मैं मानता हूं कि ऐसा ही होता है. कहा कि मुझे पार्टी से बाहर रहने की आदत हो गयी है. हालांकि मैं अब भी पार्टी का सदस्य हूं. मैं कभी भी नहीं बदलूंगा.मैं बीजेपी में कभी नहीं जाऊंगा.